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भूमि घोटाले की जाँच रिपोर्ट का विश्लेषण होगा-सेना

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नई दिल्ली , बुधवार, 23 दिसंबर 2009 (23:28 IST)
सेना ने बुधवार को कहा कि उसे जाँच समिति की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें खबरों के मुताबिक दार्जिलिंग में भूमि घोटाला मामले में जनरल स्तर के चार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है और इसका विश्लेषण किया जाएगा।

मामले में लेफ्टिनेंट जनरल अवधेश प्रकाश, लेफ्टिनेंट जनरल पीके रथ, लेफ्टिनेंट जनरल रमेश हलगाली और मेजर जनरल पीसी सेन सुखना सैन्य अड्डे के पास एक भूखंड के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में जाँच के घेरे में हैं।

इस बारे में सेना के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी पूरी हो गई है और यह आज सेना मुख्यालय को मिली। प्रवक्ता ने रिपोर्ट में सिफारिशों का ब्योरा दिए बिना कहा ‍कि जाँच प्रक्रिया का अब सैन्य कानूनों के तहत वर्तमान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स के आधार पर विश्लेषण किया जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा ‍कि सेना उन कुछ संगठनों में से है, जो किसी अनियमितता के प्रति बहुत संवेदनशील है और जिसने किसी भी गलत काम में संलिप्त लोगों के खिलाफ तत्काल एवं समय से कार्रवाई की सक्रियता से माँग की है।

रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सेना मुख्यालय में सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश की सेवा से बर्खास्तगी की सिफारिश की गई है। यह सिफारिश सैन्य कानून और सैन्य नियमों के तहत की गई है। उनके खिलाफ दार्जिलिंग में सुखना सैन्य ठिकाने के पास एक असैन्य भूमि को एक निजी संस्थान को स्थानांतरित करने के मामले में अनावश्यक प्रभाव डालने का आरोप था।

सूत्रों ने कहा कि इसमें मनोनीत डिप्टी चीफ ऑफ स्टॉफ लेफ्टिनेंट जनरल रथ और मेजर जनरल सेन के खिलाफ कोर्ट मार्शल कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की गई है।

सुखना के 33 कोर मुख्यालय में इनके कार्यकाल में भूमि घोटाला हुआ था। इन सैन्य अधिकारियों पर एक निजी संस्थान को अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने का आरोप है। इस निजी संस्थान ने यह गलत दावा किया था कि वह 70 एकड़ की इस जमीन पर अजमेर स्थित मेयो कॉलेज से संबद्ध संस्थान खोलना चाहता है। (भाषा)

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