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मनमोहन से मिले आडवाणी

आंतरिक सुरक्षा को लेकर हुई चर्चा

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नई दिल्ली (भाषा) , गुरुवार, 31 जुलाई 2008 (22:40 IST)
गुजरात और कर्नाटक में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के परिप्रेक्ष्य में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री ने आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा के लिए आडवाणी को बातचीत के लिए बुलाया था। गृहमंत्री शिवराज पाटिल और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन भी इस दौरान मौजूद थे। आडवाणी के साथ भाजपा महासचिव अरुण जेटली भी प्रधानमंत्री से मिलने गए थे।

भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रुड़ी ने बताया आंतरिक सुरक्षा हालात और अमरनाथ श्राइन बोर्ड भूमि विवाद के संबंध में चर्चा हुई। समझा जाता है कि आडवाणी ने आतंकवादियों और आतंक की साजिश रचने वालों के खिलाफ सरकार के कथित नरम रवैए पर कड़ी आपत्ति जताई है।

पार्टी सूत्रों ने बताया आडवाणी ने प्रधानमंत्री के समक्ष पार्टी की यह माँग दोहराई कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को मूल रूप से आवंटित भूमि को फिर से उसे दिया जाए।

रामसेतु का खात्मा भी आतंकवाद : भाजपा सेतु समुद्रम जहाजरानी नहर परियोजना के लिए राम सेतु को नष्ट करने की इजाजत नहीं देगी क्योंकि ऐसा करना सांस्कृतिक आतंकवाद होगा। यदि वह सत्ता में आई तो वैकल्कि मार्ग के जरिए इस परियोजना को लागू करेगी।

भाजपा अध्यक्ष राजनाथसिंह ने कहा हम इस परियोजना को नहीं छोड़ेंगे। राम सेतु की आड़ में देश के बहुसंख्यक समुदाय की सांस्कृतिक मान्यता और नायकों को निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने यह दावा कर हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है कि भगवान राम ने स्वयं रामसेतु नष्ट किया था। राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व का घोषित कर देना चाहिए तथा यदि कानून इसकी इजाजत नहीं देता हो तो उसमें संशोधन करना चाहिए।

संघर्ष विराम का उल्लंघन केंद्र की नाकामी : पार्टी के वरिष्ठ नेता एमवेंकैया नायडु ने यहाँ कहा राजग शासन के दौरान भारत ने कूटनीतिक कौशल का प्रयोग किया और पाकिस्तान को संघर्ष विराम के लिए राजी कर उससे यह वायदा लेने में सफलता पाई कि वह अपनी धरती से भारत विरोधी गतिविधियाँ नहीं होने देगा।

उन्होंने कहा अब उसके चार साल बाद भाजपा को पाकिस्तान के इरादों के साथ क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने में संप्रग सरकार के कूटनीतिक कौशल पर आशंका हो रही है।

हाल के दिनों में पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का बार-बार उल्लंघन हो रहा है और उसके साथ ही देश में आतंकवादी वारदात की घटनाएँ बढ़ी हैं। नायडु ने कहा इससे यह आशंका पैदा हुई है कि इन दोनों बातों में कोई रिश्ता तो नहीं है।

नायडु ने कहा जनवरी के बाद से पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर 19 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है और इसमें हमारा एक सैनिक भी मारा गया है।

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