नई दिल्ली। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि उनके सशक्तीकरण के लिए कानून बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर उचित ढंग से लागू करना भी जरूरी है।सोनिया ने 'अहिंसा मैसेंजर स्कीम' के शुभांरभ के अवसर पर एक सभा में कहा कि हम महसूस करते हैं कि बस कानून बना देना एवं नीतियां घोषित कर देना ही महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काफी नहीं होगा बल्कि इसके साथ ही नीतियों एवं कानूनों को जमीनी स्तर पर उचित ढंग से लागू भी करना होगा। इस योजना के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे।पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि हमें महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा खत्म करनी चाहिए और ऐसे सभी कदम उठाने चाहिए जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें, बेखौफ बनें, सशक्त बनें तथा उन्हें सम्मान प्राप्त हो। कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हो रही है।महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए 'सामाजिक क्रांति' शुरू करने की अपील करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सबसे मूलभूत मुद्दा यह है कि हमारे समाज की मानसिकता एवं पुरानी सोच बदलनी चाहिए। पुरुषों की तरह ही महिलाओं को भी समान अधिकार देना एक बड़ी चुनौती है और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव की दीवार गिरनी चाहिए।उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे बच्चों के सामाजिक दृष्टिकोण का निर्माण अपने घरों की चारदीवारी के भीतर होता है। परिवार में लड़की को उसके भाई के समान ही दर्जा दिया जाना चाहिए। परिवार में लड़कियों को भी शिक्षा, विकास एवं सशक्तीकरण का अधिकार है जैसा कि लड़के को होता है।
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