माकपा के वयोवृद्ध नेता ज्योति बसु ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार है, लेकिन इससे पहले गतिरोध दूर करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी द्वारा वाम दलों पर निशाना साधने के एक दिन बाद ही बसु ने कहा- श्रीमती गाँधी ने अमेरिका में अच्छा भाषण दिया, लेकिन उन्होंने वहाँ चुनावों के बारे में भी वक्तव्य दिया। मेरा मानना है कि वह जो चाहती हैं, वह सही नहीं है। लेकिन यदि चुनाव होते हैं तो इसके लिए भी हम तैयार हैं।
उन्होंने साल्ट लेक स्थित अपने आवास पर पत्रिका 'रंग-बेरंग' के विमोचन के बाद कहा कि व्यक्तिगत रूप से उनका मानना है कि मध्यावधि चुनाव नहीं होने चाहिए।
माकपा नेता ने कहा कि उन्होंने प्रकाश करात और सीताराम येचुरी से कहा है कि वे कोई ऐसा रास्ता निकालें जिससे वाम एवं संप्रग कुछ और दिनों के लिए एक साथ रह सकें। बसु ने कहा कि लेकिन उन्हें नहीं लगता कि इसका कोई नतीजा निकलेगा।
परमाणु समझौते पर माकपा के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पाँच अक्टूबर को आयोजित संप्रग-वाम समिति की बैठक में विचार विमर्श हुआ है। हमारी पार्टी के पोलित ब्यूरो की बैठक 18 अक्टूबर को होगी जिसमें इस बारे में फैसला किया जाएगा।