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वेबदुनिया की महत्‍वाकांक्षी योजना

बहुभाषी ई-मेल के लिए तकनीक, ब्रांडिंग व सामग्री का समन्वय

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नई दिल्‍ली , रविवार, 16 सितम्बर 2007 (18:13 IST)
भारत का पहला भाषाई इंटरनेट पोर्टल, webdunia.com तकनीक और ब्रांडिंग के क्षेत्र में कुछ बड़े और महत्‍वपूर्ण परिवर्तन की प्रक्रिया से गुजर रहा है। इसके पीछे भारत का सबसे बड़ा पोर्टल बनने की दृष्टि कार्यरत है। ब्रांड निर्माण और विज्ञापन के क्षेत्र में करीब 25 करोड़ रुपए निवेश करने की कंपनी की योजना है।

अपनी इन महत्‍वाकांक्षी योजनाओं के अंतर्गत वेबदुनिया अब पाँच अतिरिक्‍त भाषाओं मराठी, गुजराती, बंगाली, कन्‍नड़ और पंजाबी में भी उपलब्‍ध है। इन पाँच नई भाषाओं के साथ वेबदुनिया के भाषाई पोर्टलों की संख्‍या बढ़कर 9 हो गई है। भारत में आज और कोई कंपनी एक साथ 9 भारतीय भाषाओं में कार्यरत नहीं है। 1200 मानव माह के असाध्‍य श्रम से वेबदुनिया को इन पोर्टलों की तकनीक के निर्माण में सफलता प्राप्‍त हुई।

वेबदुनिया ने प्रारंभ में ही देश में क्षेत्रीय भाषाओं की महत्‍ता और उनकी सामर्थ्‍य को पहचाना और इस दिशा में ठोस कदम भी उठाए। इस तरह वेबदुनिया 1990 में हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम में भाषाई पोर्टल की शुरुआत करने वाली भारत की पहली संस्था बनी।

अपने 9 पोर्टलों के माध्‍यम से वेबदुनिया एक अरब से अधिक की जनसंख्‍या वाले देश की 80 फीसदी आबादी से रूबरू है। 60 प्रतिशत से ज्‍यादा साक्षरता के स्‍तर को देखते हुए वेबदुनिया तकरीबन पाँच करोड़ भारतीयों को विश्‍व के ताजा समाचारों के साथ-साथ खेल, मनोरंजन और ज्‍योतिष संबंधी जानकारियाँ पहुँचा रहा है।

इंटरनेट ब्रांडिंग और उपभोक्‍ता प्रतिक्रियाओं के विश्‍वस्‍तरीय विशेषज्ञों की राय के अनुसार वेबदुनिया ने अपने ब्रांड के अंतर्गत एक जैसा स्वरूप अपनाया है। इसके पहले इन ब्रांडों के नाम हिंदी में वेबदुनिया, मलयालम में वेबलोकम, तेलुगू में वेबप्रपंचम और तमिल में वेबउलगम थे।

आगामी तीन वर्षों में ब्रांड निर्माण और बड़े पैमाने पर विज्ञापन के क्षेत्र में करीब 25 करोड़ रुपए निवेश करने की कंपनी की योजना है।

सुदृढ़ तकनीक, सर्च इंजन और यूनीकोड की शुरुआत : यूनीकोड की शुरुआत के साथ तकनीक के क्षेत्र में वेबदुनिया ने एक ऊँची छलाँग लगाई है। इस उपलब्धि के साथ अब फॉन्‍ट डाउनलोड करने की समस्‍या के बगैर किसी भी कम्‍प्‍यूटर पर और किसी भी भाषा में आसानी से पोर्टल को देखा जा सकता है। कंपनी की शोध और अनुसंधान टीम इंटरनेट पर सर्च इंजन को और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है। इस सर्च इंजन की मदद से यूजर अपनी भाषा में वेबदुनिया पोर्टल के साथ-साथ पूरे इंटरनेट पर संबंधित सामग्री की खोज कर सकेंगे।

कुछ विशेष प्रकार की सेवाएँ, जैसे त्‍योहारों से संबंधित मिथक कथाएँ, धर्म से जुड़ी जानकारियाँ और स्‍वास्‍थ्‍य व विज्ञान के बारे में उपयोगी जानकारियाँ भी वेबदुनिया पोर्टल पर उपलब्‍ध हैं। हमारे रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्‍या भी प्रतिमाह 6 से 8 प्रतिशत की दर से बढ़ती जा रही है। इन पोर्टलों में और भी अनुप्रयोग जोड़कर आने वाले त्योहारों को देखते हुए उपयोगकर्ताओं के लिए और भी अधिक आकर्षक और पठनीय सामग्री सँजोई जा रही है।

वेबदुनिया की अनूठी ई-मेल सेवा : विश्‍व की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए भाषाई सामग्री और तकनीक के निर्माण के क्षेत्र में अग्रगामी होने के कारण वेबदुनिया के पास ऐसे विशेषज्ञ हैं, जिन्‍होंने 11 भाषाओं में बिना किसी बाधा और परेशानी के संप्रेषण और ई-मेल प्राप्‍त करने वाले के कम्‍प्‍यूटर स्‍क्रीन पर उसके ठीक-ठीक डिस्‍प्‍ले को संभव बनाया है। वेबदुनिया की ई-मेल सेवा उड़िया और असमिया भाषा में भी उपलब्‍ध है।

webdunia.com के संस्‍थापक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी श्री विनय छजलानी का कहना है, 'हमारी देशी तकनीक ने वेबदुनिया को न सिर्फ भारत, बल्कि विश्‍व की सबसे बेहतरीन भाषाई ई-मेल सेवाओं में से एक बनाया है।'

11 भाषाओं में से किसी भी भाषा में ई-मेल भेजने के इच्‍छुक यूजर को इसके लिए किसी भाषाई की-बोर्ड के ज्ञान की आवश्‍यकता नहीं है और न ही यह जरूरी है कि ई-मेल प्राप्‍त करने वाले के पास कोई भाषाई सॉफ्टवेयर हो।

क्षेत्रीय भाषाओं का पूर्ण आस्‍वाद : मध्‍य भारत के 60 वर्ष पुराने हिन्दी अखबार नईदुनिया की समृद्ध विरासत को इंटरनेट पर आगे बढ़ाते हुए वेबदुनिया ने संपादकीय मूल्‍यों और भाषा की अखंडता को अपने भीतर आत्‍मसात किया है।

ऐसे समय में जबकि भारत के कई भाषाई अखबार और पोर्टल भी भाषा की शुद्धता और परिष्‍कार को बनाए रखने में अक्षम साबित हुए हैं, वेबदुनिया ने लेखकों और पत्रकारों का एक ऐसा समूह बनाया है, जो अपनी भाषा से जुड़ाव महसूस करता है और उसके प्रति समर्पित है।

ढेर सारी भारतीय भाषाओं के योग्‍य विशेषज्ञ किसी एक संस्‍थान के पास नहीं हो सकते, इस विचार को गलत साबित करते हुए कंपनी के प्रेसीडेंट और मुख्‍य परिचालन अधिकारी श्री पंकज जैन ने कहा, 'वेबदुनिया की कंटेंट टीम भारत के विभिन्‍न हिस्‍सों में कार्य कर रही है, ताकि लेखक और संपादक अपनी-अपनी भाषाओं की क्षेत्रीय विशेषता और सरसता को कायम रख सकें। उस भाषा में वह स्‍थानीय रंग आ सके, जिसकी उस भाषा को आवश्‍यकता है।'

वेबदुनिया के डिजिटल ग्रीटिंग कार्ड इस विविधतापूर्ण देश के विविध रंग-बिरंगे त्‍योहारों और अवसरों को ध्‍यान में रखकर बनाए गए हैं और क्षेत्रीय कलाओं और उनकी विशिष्‍टताओं को अपने भीतर शामिल किए हुए हैं।

भारत का सबसे बड़ा भाषाई पोर्टल बनने का लक्ष्‍य हासिल करने के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के बारे में बोलते हुए श्री विनय छजलानी ने कहा, 'webdunia.com के पाठकों की तेजी से बढ़ती हुई संख्‍या इस बात का संकेत है कि भारतीयों के बीच भी इंटरनेट का प्रसार बहुत तेजी के साथ हो रहा है। हमारे देश में पचास लोगों के बीच एक कम्प्यूटर उपलब्ध है। यह एक बड़ी दिक्कत तो है ही, लेकिन इससे भी बड़ी समस्या इंटरनेट की सहज अनुपलब्धता है।'

श्री छजलानी ने आगे कहा, 'भारत में इंटरनेट सेवा को बढ़ाने और उसका समुचित प्रसार करने के लिए यह सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को चाहिए कि वे ब्रॉडबैंड के सस्‍ते और आजीवन पैकेज उपलब्‍ध कराएँ। उनके दाम ऐसे हों, जिन्‍हें आम भारतीय आसानी से वहन कर सके।'

वेबदुनिया के बारे में : वेबदुनिया भारत का पहला हिंदी पोर्टल है, जो विभिन्‍न धर्म, संस्‍कृतियों और आयु वर्ग के लोगों को उनकी अभिरुचियों की स्‍तरीय पठनीय सामग्री उपलब्‍ध करवा रहा है। वेबदुनिया 9 भारतीय भाषाओं में राजनीति, खेल और समसामयिक घटनाओं के ताजा समाचार, बॉलीवुड की खबरें, लाइफ स्‍टाइल, धर्म, विज्ञान, आईटी, करियर, ज्‍योतिष और साहित्‍य के बारे में महत्‍वपूर्ण जान‍कारियाँ और पठनीय सामग्री उपलब्‍ध करवा रहा है। क्रिकेट की लाइव कमेंट्री, टिकर, पोल, बहस इत्‍यादि वेबदुनिया के भाषाई पोर्टल की कुछ अन्‍य महत्‍वपूर्ण विशेषताएँ हैं।

वेबदुनिया का मुख्यालय इंदौर में स्थित है। साथ ही इंदौर, चेन्‍नई और तिरुवनंतपुरम के कार्यालयों से वेबदुनिया का संचालन होता है।

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