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संघीय जाँच एजेंसी का गठन होगा-मनमोहनसिंह

चार महानगरों में होंगे एनएसजी के केन्द्र

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नई दिल्ली (भाषा) , सोमवार, 1 दिसंबर 2008 (00:12 IST)
मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों से संकीर्ण राजनीतिक हितों से ऊपर उठने और एकजुट होने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने रविवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में एनएसजी के चार केन्द्र बनाए जाएँगे तथा संघीय जाँच एजेंसी के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

प्रधानमंत्री ने आतंकवादी हमलों के बाद उत्पन्न स्थिति पर विचार के लिए यहाँ सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा हमने प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के आधार पर कुछ कानूनी उपायों को अंतिम रूप दे दिया है। इनमें संघीय जाँच एजेंसी का गठन शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में आतंकवाद निरोधक बलों को मजबूत और सुव्यवस्थित किया जाएगा। देश के प्रमुख आतंकवाद निरोधक बल नेशनल सिक्योरिटी गार्ड को अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी और इसके आकार को बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों में चार अन्य एनएसजी केन्द्र कायम करने के लिए कदम उठाए जाएँगे। इसके अतिरिक्त केन्द्र के अधीन विशेष बलों का विद्रोह निरोधक अभियानों में उचित तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा।

मनमोहन ने कहा कि इस राष्ट्रीय संकट को देखते हुए और इस राष्ट्रीय त्रासदी के बाद हम विभिन्न राजनीतिक दलों को संकीर्ण राजनीतिक सरोकारों से ऊपर उठकर एकजुट होना पड़ेगा। हमें इस नाजुक मोड़ पर देश के हित के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

आम सहमति से काम पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारी व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए क्या करने की जरूरत है। इस मामले में आम सहमति होनी चाहिए। हमारे देश के शत्रुओं और आतंकवादियों को यह बात पता चल जानी चाहिए कि उनके कृत्यों से हम विभाजित होने की बजाय एकजुट होंगे।

अपने संबोधन की शुरुआत में मुंबई हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम सब इस नृशंस और भयानक हमले में अपने प्रियजनों को गँवाने को गँवाने लोगों और बुरी तरह घायल हुए लोगों के दुख और दर्द के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। हम उनके दुख को कम नहीं कर सकते, लेकिन उनकी पीड़ा को कम करने के लिए हम संभव प्रयास करेंगे।

प्रधानमंत्री ने मुंबई की भयावह त्रासदी मे जीवित बचे लोगों की जरूरत को पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा हम समुद्री और वायु सुरक्षा को और मजबूत करेंगे जिसके लिए पहल की गई है। इसमें नौसेना, तटरक्षक बल, तटीय पुलिस के साथ साथ वायुसेना और नागर विमानन मंत्रालय को शामिल किया जाएगा।

असाधारण रूप से कठिन परिस्थिति में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने वाले सुरक्षा बलों के साहस को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीस अफसरों और जवानों ने अपनी जान देकर सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि पूरा देश उनका ऋणी है और इस कर्ज को कभी उतारा नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में पहले भी आतंकी हमले हुए, लेकिन यह हमला अलग था। यह हमला प्रशिक्षित और हथियार बंद आतंकवादियों ने हमारे सबसे बड़े शहर को निशाना बनाकर किया था। वे विदेशी यात्रियों सहित बड़ी संख्या में हमारे निर्दोष नागरिकों को मारने के साफ मकसद से आए थे। वे हमारी वाणिज्यिक राजधानी के चंद विख्यात प्रतीकों को क्षतिग्रस्त करना चाहते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोगों की पीड़ा और उनके क्रोध और गम की भावना को समझते हैं। स्थिति से निपटने के लिए पहले ही कई कदम उठा लिए गए हैं। साफ तौर काफी कुछ करने की और जरूरत है तथा हम व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर जरूरी कदम उठाएँगे।

शिवसेना ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया : सर्वदलीय बैठक में शिवसेना ने हिस्सा नहीं लिया। पार्टी ने कहा कि इस बैठक से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि यह सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार नहीं है।

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