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समय पर नहीं चेती दिल्ली पुलिस

दीवाली तक फिर कर सकते हैं धमाके

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नई दिल्ली (सुबोध जैन) , रविवार, 14 सितम्बर 2008 (13:00 IST)
इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगे प्रतिबंध को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी के बाद खुफिया एजेंसियों ने पहले ही राजधानी में बम विस्फोटों की आशंका व्यक्त कर दी थी, मगर दिल्ली पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इन विस्फोटों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है। खुफिया एजेंसियों का यह भी कहना है कि दीपावली के आसपास फिर से राजधानी को निशाना बनाया जा सकता है।

आतंकी गतिविधियों में लिप्तता के आरोप में सिमी पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सिमी के संस्थापक सफदर नागौरी ने ही इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना की थी। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिमी पर लगे प्रतिबंध को जारी रखने के आदेश के बाद खुफिया एजेंसियों ने इस बात की आशंका व्यक्त की थी कि सिमी से जुड़े लोगों यानी इंडियन मुजाहिदीन द्वारा राजधानी में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा सकता है।

सूत्र कहते हैं कि दिल्ली पुलिस को भी इस आशंका से अवगत करा दिया गया था, जिस तरह राजधानी में एक के बाद एक धमाके हुए उससे साफ है कि यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। मगर दिल्ली पुलिस ने इस सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस की इसी लापरवाही को बम धमकों का एक बड़ा कारण माना जा रहा है।

खुफिया एजेंसियों का मानना है कि राजधानी में हुए बम विस्फोटों को इंडियन मुजाहिदीन ने ही अंजाम दिया है। इतना ही नहीं खुफिया एजेंसी यह भी आशंका व्यक्त कर रही हैं कि दीपावली के आसपास यह संगठन राजधानी में एक बार फिर अपने नापाक इरादों को अंजाम दे सकता है।

खुफिया सूत्रों का कहना है कि अभी तक सामने आ रही जानकारी के अनुसार इन धमकों में प्रयोग किए गए बम स्थानीय स्तर पर ही तैयार किए गए थे, जिसके लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने बड़ी संख्या में लोगों को बम बनाने का प्रशिक्षण दिया था।

स्थानीय स्तर पर बम तैयार करने व उनसे हुए जान-माल के नुकसान के बाद दिल्ली पुलिस की भी नींद उड़ी हुई है क्योंकि राजधानी के कई बाजारों में बम बनाने के लिए प्रयोग होने वाले रसायन सरलता से उपलब्ध हो जाते हैं।

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