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समाचार प्रसारकों ने बनाया स्व नियमन तंत्र

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नई दिल्ली (वार्ता) , शनिवार, 23 अगस्त 2008 (19:40 IST)
समाचार प्रसारकों ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय स्व नियमन तंत्र का गठन किया है।

देश के निजी समाचार और समसामयिक कार्यक्रमों के प्रसारकों के संघ न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टेंडर्ड डिस्प्यूट्स रिड्रेसल अथॉरिटी का गठन किया है, जो उनकी आचार संहिता और प्रसारण मानकों को लागू करेगी।

एनबीए के प्रवक्ता ने शनिवार को यहाँ यह जानकारी दी। सरकार और प्रसारकों के बीच करीब दो वर्षों तक इस मुद्दे पर चले विवाद के बाद हाल ही में प्रसारकों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को संहिता का प्रारूप सौंपा था। निजी टेलीविजन चैनलों के लिए नियामक और कंटेंट कोड बनाने के उद्देश्य के सरकार के ब्रॉडकास्टिंग सेवा नियमन विधेयक लाने के विचार का प्रसारकों ने कड़ा विरोध किया था।

प्रसारक इस उद्योग के लिए स्व नियमन तंत्र बनाने के पक्षधर थे, जिसका सरकार ने भी समर्थन किया, लेकिन प्रसारक किसी नियम कानून में स्वयं को बाँधना नहीं चाहते थे। एनबीए ने कहा है कि उसने स्व नियमन तंत्र बना लिया है, क्योंकि उसका मानना है कि मीडिया का काम सरकार की कमियों को उजागर करना है और यदि सरकार मीडिया के कायदे कानून बनाएगी तो मीडिया की विश्वसनीयता प्रभावित होगी।

बयान में कहा गया है कि एनबीए की इस पहल का सरकार ने भी स्वागत किया है। एनबीए द्वारा न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता में गठित अथॉरिटी के अन्य सदस्यों में इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा, नैस्काम के पूर्व अध्यक्ष किरण कार्निक, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रख्यात समाज विज्ञानी प्रोफेसर दीपांकर गुप्ता, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अपर महासचिव एवं अर्थशास्त्री नितिन देसाई शामिल हैं। ये सभी विख्यात हस्तियों की श्रेणी में हैं।

अथॉरिटी के सदस्य के रूप में संपादक श्रेणी वर्ग में इंडिया टीवी के प्रबंध संपादक विनोद कापड़ी, जी न्यूज के समूह संपादक बीवी राव, स्टार न्यूज के प्रबंध संपादक मिलिंद खांडेकर और टाइम्स नाउ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी शामिल हैं। यह अथॉरिटी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती दो अक्टूबर से कार्यशील हो जाएगी।

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