राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने एक वक्तव्य में कहा कि अर्थव्यवस्था में निजीकरण के विकास के साथ-साथ निजी कंपनियों में सामाजिक जिम्मेदारियों को वहन करने की भावना का भी विकास होना चाहिए।
फिक्की द्वारा आयोजित कार्पोरेट सोशल रिस्पान्सिबिलिटी अवार्ड समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि देश में निजी क्षेत्रों के त्वरित विकास को देखते हुए, मैं मानता हूँ कि देश की शिक्षा-व्यवस्था निजी क्षेत्रों की उसी तरह जिम्मेदारी है, जैसी वह सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में विद्यालयों की देखरेख करके निजी क्षेत्र अपना सामाजिक दायित्व काफी हद तक निभा सकता है। विद्यालयों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
राष्ट्रपति ने माना कि इसके साथ-साथ निजी उद्योग सौर-ऊर्जा और वायु-ऊर्जा को बढ़ावा देकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं।