Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सुषमा ने कहा, नाराज नहीं हैं आडवाणी

हमें फॉलो करें सुषमा ने कहा, नाराज नहीं हैं आडवाणी
नई दिल्ली , रविवार, 15 सितम्बर 2013 (09:57 IST)
FILE
नरेन्द्र मोदी को बीजेपी की तरफ से पीएम पद की उम्मीदवारी मिलने के बाद शनिवार सुबह सुषमा स्वराज पार्टी के नाराज नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिलने उनके घर पहुंचीं। आडवाणी से मुलाकात के बाद सुषमा ने कह कि कोई नाराज नहीं हैं आडवाणी।

सुषमा कसावक्त अनंत कुमार, बलवीर पुंज सहित अन्य कई नेता मौजूद थे। मिलने के बाद सुषमा ने मीडिया से कहा कि आडवाणीजी नाराज नहीं है।

भाजपा नेताओं को डर सता रहा है कि कहीं आडवाणी ऐसा कदम ना उठा लें जिससे भाजपा को नई मुश्किलों का सामना करना पड़े। हो सकता है कि इसके पीछे भाजपा का यह डर हो कि कहीं आडवाणी फिर से इस्तीफा ना दे दें और दूसरे दलों को इस पर राजनीति करने का मौका हाथ लग जाए।

आडवाणी यदि इस्तीफा दे देते हैं तो पार्टी में फिर से घमासान की शुरुआत हो जाएगी और इसका खामियाजा पार्टी को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ सकता है, जैसा कि कर्नाटक में जो नाटक हुआ उसको लेकर भाजपा अब डरने लगी है और वह मोदी को लेकर अपने भीतर ही भीतर कशमकश में हैं। आडवाणी की नाराजगी के बावजूद नरेन्द्र मोदी के पीएम उम्मीदवार बनने के बाद अब सबे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि पार्टी में अकेले पड़े आडवाणी अब क्या करेंगे?

शुक्रवार को भाजपा की जिस संसदीय समिति की बैठक में मोदी के नाम का ऐलान हुआ था, उसमें आडवाणी नहीं पहुंचे थे। इस बीच, सूत्रों के हवाले से खबर है कि नरेन्द्र मोदी भाजपा चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष पद छोड़ेंगे और उनकी जगह अरुण जेटली, वेंकैया नायडू या नितिन गडकरी में से किसी एक को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। खबर यह भी है कि आने वाले दिनों में कर्नाटक के बागी नेता बीएस येदियुरप्पा की भी भाजपा में वापसी हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के कड़े विरोध के बावजूद शुक्रवार को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। पार्टी की नई दिल्ली में हुई संसदीय दल की बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यह घोषणा की। हालांकि तमाम प्रयासों के बाद भी आडवाणी इस बैठक में नहीं आए। मोदी को प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार बनाए जाने का सुषमा स्वराज और मुरली मनोहन जोशी भी विरोध कर रहे थे, लेकिन अंतत: वह पार्टी की बहुमत लाइन के आगे झुक गए।

भाजपा के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में मोदी के नाम की घोषणा पार्टी में बहुत ही खटास भरे माहौल में हुई। एक ओर मोदी के नाम की घोषणा हुई, तो दूसरी ओर आडवाणी का राजनाथ सिंह के नाम लिखा पत्र सामने आया, जिसमें वरिष्ठ नेता ने इस फैसले के संदर्भ में पार्टी के तौर-तरीकों पर अपनी पीड़ा का इजहार किया।

शुक्रवार को आडवाणी संसदीय बोर्ड की उस बैठक में नहीं गए थे जिसमें मोदी का ऐलान हुआ था। आडवाणी ने राजनाथ को चिट्ठी लिखकर उनके काम करने के तरीके पर नाराजगी जताई है।

आडवाणी ने खत में लिखा है, 'आज जब आप मुझे संसदीय बोर्ड की बैठक की सूचना देने आए थे, तब मैंने अपनी व्यथा और आपकी कार्यप्रणाली पर निराशा के बारे में कुछ कहा था। मैंने आपको कहा था कि मैं ये विचार करूंगा कि आज की बैठक में आकर सबके सामने अपनी बात रखूं या न रखूं। अब ये फैसला किया है कि मुझे आज की बैठक में शामिल नहीं होना चाहिए।' (वेबदुनिया)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi