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हजारे की हुँकार, झुकी सरकार

माँगें मानी, शनिवार को तोड़ेंगे अनशन

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011 (23:49 IST)
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जन लोकपाल विधेयक के लिए प्रस्तावित संयुक्त समिति के मुद्दे पर सरकार ने औपचारिक आदेश जारी करने की माँग मान ली है, जिसके बाद गाँधीवादी अण्णा हजारे ने शनिवार को अपना अनशन समाप्त करने की घोषणा की।

हजारे के अनशन के चौथे दिन दोनों पक्षों की ओर से सहमति की बाबत घोषणा की गई। हजारे ने कहा कि सरकार ने हमारी सभी माँगें मान ली हैं और मैं अपना अनशन कल सुबह साढ़े दस बजे समाप्त करूँगा। यह पूरे राष्ट्र की जीत है। आंदोलनकारियों से बातचीत करने वाले सरकार के दल का नेतृत्व कर रहे केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने हजारे की घोषणा का स्वागत करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।

हालाँकि अण्णा के सहयोगी स्वामी अग्निवेश और किरण बेदी ने स्पष्ट किया कि अनशन तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक कि सरकार आदेश जारी नहीं करती। इससे पहले अन्ना के प्रतिनिधियों ने सरकार के मंत्रियों के साथ दो दिन में तीसरे दौर की बातचीत की।

वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी समिति के अध्यक्ष होंगे, जिसमें कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, संचार मंत्री सिब्बल, गृहमंत्री पी. चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद सदस्य के नाते होंगे।

सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से संयुक्त समिति में अन्ना के अलावा वकील शांति भूषण, प्रशांत भूषण, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संतोष हेगड़े और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल सदस्य होंगे। समिति के सह-अध्यक्ष शांति भूषण होंगे।

इससे पहले सरकार संयुक्त समिति बनाने की माँग मानने के लिए तैयार हो गई थी, जिस पर अण्णा भी राजी थे, लेकिन इसमें शामिल पाँच सदस्यों के साथ ही नागरिकों की तरफ से भी एक सह-अध्यक्ष बनाने की शर्त उनकी तरफ से रखी गई। अण्णा ने यह भी कहा कि इसके लिए कानून मंत्रालय के पत्र पर नहीं बल्कि सरकारी आदेश चाहिए।

उस वक्त अण्णा ने कहा था कि सरकारी आदेश की बात नहीं माने जाने तक अनशन जारी रहेगा। हालाँकि हजारे की घोषणा से पहले उनके प्रतिनिधि स्वामी अग्निवेश ने पहले ही अनशन समाप्त होने की उम्मीद जताते हुए कहा था कि दूतों के तौर पर हमारा मिशन खत्म हो चुका है और अण्णा जल्द ही अपना फैसला सार्वजनिक करेंगे, जो सभी को खुश करेगा।

सरकार में शीर्ष स्तर पर बैठकों सहित दिन भर हुए अहम घटनाक्रमों के बाद शाम के समय हजारे के प्रतिनिधि के रूप में स्वामी अग्निवेश, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से अगले दौर की वार्ता की थी।

इससे पहले, दिन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से मुलाकात कर लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर चर्चा की, जिसमें वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, सिब्बल, कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव टीकेए नायर मौजूद थे।

फिर हज़ारे ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष को अलग-अलग पत्र लिखा। उन्होंने सिंह से समिति के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने और सोनिया से लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की पूर्ण बैठक में चर्चा कराने का अनुरोध किया। उनके ये पत्र लिखने के बाद दोपहर के समय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें इस मसले को सुलझाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी।

इस बीच, आज जंतर-मंतर स्थित हजारे के अनशन स्थल पर योगगुरु बाबा रामदेव, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रमुख ई. श्रीधरन, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, फिल्म निर्देशक फराह खान, संगीतकार विशाल शेखर और तिब्बत की निर्वासित संसद का प्रतिनिधिमंडल पहुँचा। सभी ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने भी हजारे के समर्थन में इस्तीफे की पेशकश की है। हजारे के साथ अनशन कर रहे 200 से अधिक लोगों में से 15 को उनकी सेहत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि हजारे के स्वास्थ्य में भी तेजी से गिरावट आई है और उनका वजन कम हो गया है। (भाषा)

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