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हर बीस सेकंड में एक बच्चे की मौत

सुलभ इंटरनेशनल ने मनाया 'ग्लोबल हैंडवाशिंग डे'

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नई दिल्ली (वार्ता) , बुधवार, 15 अक्टूबर 2008 (16:57 IST)
साफ-सफाई की कमी की वजह से प्रत्येक 20 सेकंड में एक बच्चे की डायरिया से मौत होती है, जबकि दस्त संबंधी बीमारियों से प्रतिवर्ष पाँच वर्ष से कम आयु के 15 लाख बच्चे काल के गाल में समाते हैं।

स्वच्छता के क्षेत्र के अग्रणी गैर सरकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल की ओर से प्रथम अंतराष्ट्रीय हस्तप्रच्छालन दिवस 'ग्लोबल हैंडवाशिंग डे' मनाने के लिए मंगलवार को यहाँ आयोजित एक समारोह में संगठन के संस्थापक डॉ. बिन्देश्वर पाठक ने वैश्विक आँकड़ों का हवाला देते हुए बताया देश में बच्चों के लिए मौत का पैगाम लेकर आने वाली दस प्रमुख बीमारियों में से पाँच पेयजल और स्वच्छता से संबंधित हैं।

इनमें डायरिया, टाइफाइड, पीलिया, मलेरिया और फीताकृमि शामिल हैं, लेकिन कुछ भी खाने से पहले साबुन से हाथ धोने की सामान्य सी आदत से इन रोगों से बचा जा सकता है।

डॉ. पाठक ने कहा पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष पाँच वर्ष से कम आयु के 15 लाख से अधिक बच्चे डायरिया संबंधी रोगों से ग्रस्त हैं, लेकिन सामान्यतया हाथ साफ रखने से संबंधित रोगों में 45 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।

उन्होंने बताया फिलहाल पूरी दुनिया में दो अरब 60 करोड़ लोगों को सामान्य स्वच्छता सुविधाएँ उपलब्ध नहीं है। संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य संक्रामक रोगों की रोकथाम में स्वच्छता की भूमिका के बारे में जनजाग्रति पैदा कर 2015 तक इस आँकड़े में 50 प्रतिशत तक की कटौती करना है।

सुलभ की ओर से फिल्म अभिनेत्री राइमा सेन ने समारोह में उपस्थित दिल्ली के कई स्कूलों के बच्चों को हाथ धोने का तरीका सिखाया। राइमा ने बच्चों को स्वच्छता एवं स्वास्थ्य से संबंधित अन्य जानकारियाँ भी उपलब्ध कराईं।

राइमा ने स्कूली छात्र-छात्राओं को बताया साबुन से हाथ धोने से डायरिया से संबंधित बीमारियाँ 44 प्रतिशत तक और साँस संबंधी बीमारियाँ 30 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं।

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