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2जी घोटाला, पहला आरोपपत्र दाखिल

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, शनिवार, 2 अप्रैल 2011 (18:47 IST)
सीबीआई ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला में अपने पहले आरोपपत्र में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा तथा तीन दूरसंचार कंपनियों को अभियोगी ठहराया गया है।

आरोपपत्र में कहा गया है कि इस घोटाले के कारण 30984 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई। दिल्ली की एक अदालत में पेश किए गए इस आरोपपत्र में जिन कंपनियों के नाम दिए गए हैं, उनमें रिलायंस टेलीकॅम, यूनीटेक वायरलेस और स्वान टेलीकॉम के नाम शामिल हैं। इस मामले में इस माह के अंत में एक पूरक आरोपपत्र भी पेश किया जाएगा। इस मामले पर उच्चतम न्यायालय नजर रख रहा है।

लगभग 80000 पृष्ठों के आरोपपत्र को इस मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष पेश किया गया। इस मामले को लेकर संप्रग सरकार जबरदस्त आलोचना के घेरे में है।

राजा, उनके निजी सचिव आरके चंदोलिया, बेहुरा और स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर उस्मान बलवा के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।

सीबीआई ने कहा कि 2008-09 के दौरान नए एकीकृत पहुँच सेवा लाइसेंस जारी करने और इसके बाद 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन ने स्थापित कर दिया है कि भादसं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध किया गया है। आरोपपत्र में शामिल अन्य लोगों में मुंबई की डीबी रियल्टी के निदेशक विनोद गोयनका (यह कंपनी एतिसालात डीबी की प्रमोटर भी थी), गुड़गाँव की रियल एस्टेट कंपनी यूनीटेक और यूनीटेक वायरलेस (तमिलनाडु) प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्र और गौतम दोषी, हरि नायर तथा सुरेन्द्र पिपरा, समूह प्रबंध निदेशक और मुंबई की रिलायंस टेलीकॉम कंपनी के दो वरिष्ठ उपाध्यक्ष शामिल हैं।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस जारी करने के मामले में पौने दो लाख करोड़ रुपए के घाटे का अनुमान लगाया था। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने सीबीआई के आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए इस मामले में गिरफ्तार नहीं किए गए आरोपियों के खिलाफ 13 अप्रैल के लिए समन जारी किए।

सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया है कि यूनीटेक वायरलेस को इस घोटाले में सबसे ज्यादा फायदा पहुँचाया गया। यूनीटेक वायरलेस और स्वान टेलीकॉम ही ऐसी कंपनियाँ हैं, जो 2जी आवंटन के लिए पात्र तक नहीं थीं।

आरोपपत्र में कहा गया है कि इसके अलावा स्वान टेलीकॉम 2जी स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए रिलायंस टेलीकॉम के लिए मुखौटा कंपनी के तौर पर काम कर रही थी। सीबीआई ने अदालत से कहा कि कलैगनार टीवी प्राइवेट लिमिटेड, सिनेयुग फिल्म्स, ग्रीन हाउस प्राइवेट लिमिटेड और कुसेगाँव फ्रूट्‍स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड भी जाँच के दायरे में है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करुणानिधि की पुत्री और द्रमुक सांसद कनिमोझी, उनकी पत्नी दयालुअम्माल और शरद कुमार के कलैगनार टीवी में क्रमश: 20, 60 और 40 प्रतिशत शेयर हैं।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़ा धन बलवा की फर्म से कलैगनार टीवी तक सिनेयुग फिल्म्स और कुसेगाँव फ्रूट्ज एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से पहुँचाया गया था।

आसिफ बलवा और कुसेगाँव फ्रूट्ज एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव अग्रवाल को 29 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अग्रवाल को सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते के माध्यम से कलैगनार टीवी प्राइवेट लिमिटेड को 200 करोड़ रुपए के हस्तांतरण में कथित भूमिका के चलते गिरफ्तार किया गया है।

पिछले माह रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए सादिक बाशा से सीबीआई ने पूछताछ की थी। बाशा ग्रीनहाउस प्रमोटर्स के निदेशक और राजा के निकट सहयोगी थे। (भाषा)

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