Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

2जी मामला, ट्राई के पूर्व प्रमुख से पूछताछ

हमें फॉलो करें 2जी मामला, ट्राई के पूर्व प्रमुख से पूछताछ
नई दिल्ली , शुक्रवार, 8 जुलाई 2011 (20:26 IST)
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के एक पूर्व अध्यक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति को शुक्रवार को बताया कि वर्ष 2002 में तत्कालीन राजग सरकार ने कुछ निजी कंपनियों को ‘अधिक स्पेक्ट्रम’ आवंटन करने के मुद्दे पर उनसे सलाह नहीं ली थी।

मार्च, 2000 से मार्च, 2003 के बीच ट्राई के अध्यक्ष रहे एमएस वर्मा आज लगातार दूसरे दिन जेपीसी के समक्ष गवाह के तौर पर पेश हुए।

जेपीसी के अध्यक्ष पीसी चाको ने बाद में कहा कि जब समिति के कुछ सदस्यों ने उनसे पूछा कि क्या 2002 में तत्कालीन सरकार ने स्पेक्ट्रम के अधिक आवंटन के मुद्दे पर उनसे सलाह ली थी तो वर्मा ने नहीं में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मामला ट्राई को नहीं भेजा गया। चाको ने स्पष्ट करते हुए कहा कि कुछ कंपनियों को 10 मेगाहर्ट्ज तक का अधिक आवंटन किया गया ना कि अतिरिक्त आवंटन।

उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने उनसे पूछा था कि यह फैसला कैसे लिया गया और क्या ट्राई से विचार जाना गया था। ट्राई को स्वत: संज्ञान में लेते हुए सरकार को सिफारिशें करने का अधिकार है, लेकिन उसने तब इस विकल्प को नहीं अपनाया।

चाको ने कहा कि दरअसल वर्मा के तीन साल के कार्यकाल के दौरान ट्राई ने किसी मुद्दे पर सरकार को स्वत: संज्ञान लेते हुए कोई सिफारिश नहीं की।

एक सवाल के जवाब में जेपीसी अध्यक्ष ने कहा कि ट्राई की सिफारिशों पर सरकार बाध्य नहीं होती, लेकिन इस तरह के मामले उसे भेजे जाने की अपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध स्पेक्ट्रम का सक्षम प्रबंधन ट्राई के अधिकार क्षेत्र में आता है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi