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चंद्रयान-2 पर रोबोट लगाए इसरो-कलाम

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मुंबई (भाषा) , शनिवार, 26 सितम्बर 2009 (23:34 IST)
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने इसरो और नासा को सलाह दी है कि उन्हें चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी के बारे में ज्यादा अध्ययन करने के लिए ‘चंद्रयान-दो’ अभियान में सतह को भेदने वाले रोबोट (सरफेस रोबोटिक पेनीट्रेटर) लगाना चाहिए।

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कलाम ने सोमवार को स्कूली छात्रों के साथ बात करते हुए कहा मैंने अपनी कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की यात्रा के दौरान इसरो और नासा दोनों को सलाह दी थी कि वे चंद्रयान-दो अभियान में सतह को भेदने वाले रोबोट (सरफेस रोबोटिक पेनीट्रेटर) के उपयोग करने की ओर काम करें। नासा के वैज्ञानिकों ने वहाँ भारतीय वैज्ञानिकों को मून मिनरलॉजी पेपर के परिणाम सौंपे थे।

मिसाइल मैन यहाँ ‘चंद्रयान : वादे और चिंताएँ’ विषय पर सेमिनार का उद्‍घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी के बारे में वैज्ञानिक भारत के मून इंपेक्ट प्रोब (एमआईपी) के संबंध में और जाँच कर रहे हैं।

कलाम ने छात्रों को बताया कि उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को 2050 तक एक किग्रा के विमान बनाने की भी सलाह दी, ताकि इनकी कीमत को 20,000 डॉलर से 2,000 डॉलर तक लाया जा सके।

भारत के अपने उपकरण एमआईपी ने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का पता लगाया, जिसकी नासा ने भी पुष्टि की है। नासा का उपकरण भी इस विमान में लगा था। एमआईपी ने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी के स्पष्ट संकेत दिए हैं।

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