Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कुलथी

हमें फॉलो करें कुलथी
कुलथी को आयुर्वेद शास्त्र ने मूत्र संबंधी विकारों और अश्मरी रोग को दूर करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी बताया है।

अश्मरी (पथरी) का भेदन कर मूत्र मार्ग से निकाल देने के लिए यह प्रसिद्ध महौषधि है। इसका प्रयोग उचित मात्रा में और युक्तिपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने पर अम्लपित्त की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

गुण : कुलथी कटु रस वाली, कसैली, पित्त रक्त कारक, हलकी, दाहकारी, उष्णवीर्य और श्वास, कास, कफ और वात का शमन करने वाली, हिक्का, अश्मरी, शुक्र, अफारा, पीनर्स, मेद, ज्वर तथा कृमि को दूर करने वाली है। यह गर्म, मूत्रल, मोटापा नाशक और पथरी नाशक है।

विभिन्न भाषाओं में नाम : संस्कृत- कुलत्थ। हिन्दी- कुलथी। मराठी- कुलथी। गुजराती- कलथी। बंगला- कुर्थिकलाई। तेलुगू- उलावालु। तमिल- कोल्लु। मलयालम- मुतेर। कन्नड़- हुरलि। इंग्लिश- हार्स ग्राम। लैटिन- डॉलिक्स बाइफ्लोरस।

परिचय : यह तीन पत्तियों वाला एक पौधा होता है, जंगली और ग्रामीण भेद से यह वनस्पति दो प्रकार की होती है।

रासायनिक संगठन : इसके बीजों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट विशेष मात्रा में और साधारण मात्रा में वसा, सूत्र, फॉस्फोरस यथा यूरिएज पाए जाते हैं।

उपयोग : इसके बीजों को दक्षिण भारत में दाल और पशु आहार के रूप में प्रयोग किया जाता है।

मूत्र विकार : पेशाब में रुकावट होना, बुखार के कारण पेशाब में कमी व जलन होना आदि व्याधियों को दूर करने के लिए यह नुस्खा उत्तम है। कुलथी और मकई के रेशे 10-10 ग्राम लेकर एक गिलास पानी में उबालें। जब एक कप पानी रह जाए, तब इसे छानकर ठण्डा कर लें। इसके तीन भाग करके दो-दो घण्टे से पीने से रुका हुआ पेशाब खुलकर होने लगता है।

पथरी : कुलथी के बीज 40 ग्राम लेकर कूट लें और 4 कप पानी में उबालें। जब पानी एक कप रह जाए तब उतारकर छान लें। इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को पिएँ। इसे तीन भाग करके दिन में तीन बार भी पी सकते हैं। इस प्रयोग से पथरी गल-गलकर मूत्र मार्ग से निकल जाती है।

गर्भाशय शोथ : प्रसव के बाद गर्भाशय में शोथ होने पर कुलथी का काढ़ा सुबह-शाम पीने से लाभ होता है। विधि वही है जो ऊपर पथरी के लिए बताई गई है।

पेट दर्द : भोजन करने के बाद पेट में दर्द होता हो तो कुलथी के बीज का महीन चूर्ण 5 ग्राम, 100 ग्राम ताजे दही में मिलाकर सुबह-शाम खाने से आराम होता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi