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अमेरिका में हिंदू-बौद्धों की संख्या बढी़

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अमेरिका में प्रवासी कानून में वर्ष 1965 और 1992 में किए गए बदलावों के बाद देश के बडे़ शहरों में बौद्धों और हिन्दुओं की आबादी में तेजी से इजाफा हुआ है।

टेक्सॉस प्रांत में स्थित बायलर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जे. जार्डन मेल्टन के तत्वावधान में अमेरिका में कराई गई धर्म आधारित जनगणना के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रवासी कानून में बदलाव किए जाने के बाद अमेरिका के टेक्सॉस, कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, इलिनायस और जार्जिया जैसे प्रांतों के बडे़ बडे़ शहरों में बौद्धों और हिन्दुओं की आबादी में काफी इजाफा हुआ है।

विज्ञप्ति में इन दोनों समूह की संख्या के बारे में आकंडे़ जुटाने वाले जे. जार्डन मेंल्टन ने कहा- अमेरिका में ईसाइयों की तुलना में बौद्धों और हिन्दुओं की संख्या अब भी काफी कम है लेकिन अब उनकी संख्या इतनी हो गई है कि उनके जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर वह दबाव वे पाएंगे।

दोनों ही धर्मों के मंदिर अमेरिका के लगभग अधिकतर प्रांतों में हैं और अब ये दोनों ही समूह अमेरिका में लगातार अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं। हिन्दू और बौद्ध दोनों ही अमेरिका के बडे़ शहरों में काफी अच्छी संख्या में मौजूद हैं, लेकिन छोटे शहरों में इनकी संख्या अब भी नाकाफी है।

इस बीच यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ हिन्दुइज्म.. नामक संगठन ने अमेरिका में बौद्धों और हिन्दुओं की बढी़ आबादी का स्वागत किया है। साथ ही हिन्दुओं का आह्वान किया हैं कि वे दूसरे धार्मिक समुदायों के साथ विचार-विमर्श और विश्वास बढा़एं ताकि सामाजिक सौहार्द कायम हो सके।

संगठन के अनुसार उपभोक्तावादी समाज के भटकाव को दूर करने में हिन्दू अध्यात्म महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। संगठन ने अमेरिका में हिन्दुओं से इस दिशा में काम करने की गुहार लगाई। (वार्ता)

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