Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लेखक को रचना के माध्यम से तोला जाए -प्रदीप सौरभ

अट्ठारहवां अंतरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान

हमें फॉलो करें लेखक को रचना के माध्यम से तोला जाए -प्रदीप सौरभ
- तेजेंद्र शर्मा
USA
WD

ब्रिटेन की संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में उपन्यासकार प्रदीप सौरभ को उनके उपन्यास तीसरी ताली के लिए ‘18वां अंतरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान’ प्रदान करते हुए वैस्ट ब्रॉमविच के लॉर्ड किंग ने कहा कि लेखक ही समाज में बदलाव ला सकता है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी संस्कृति तभी बची रह सकती है, यदि उसकी भाषा की ताकत महफूज रहे।

इस अवसर पर उन्होंने सर्रे निवासी ब्रिटिश हिन्दी एवं उर्दू के शायर सोहन राही को 13वां पद्मानंद साहित्य सम्मान भी प्रदान किया। ब्रिटेन में लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने सम्मान समारोह की मेजबानी की।

वीरेंद्र शर्मा ने प्रदीप सौरभ के उपन्यास के विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 21वीं सदी में हमारी बहुत-सी परंपराएं मान्य नहीं रही हैं। यह उपन्यास एक चेतावनी है कि हमें अपने समाज में हिजड़ों के प्रति नजरिया बदलना होगा। इस विषय में उन्होंने ब्रिटेन जैसे उन्नत देशों से सीख लेने की सलाह दी। उन्होंने सोहन राही के सम्मान को अपने शहर का सम्मान बताया, जहां से दोनों जीवन में आगे बढ़ कर ब्रिटेन पहुंचे।

सम्मान ग्रहण करते हुए प्रदीप सौरभ ने स्पष्ट किया कि 'लेखक को रचना के माध्यम से तोला जाए न कि उसके व्यक्तिगत जीवन से।' उन्होंने जोर देकर कहा, 'जीवन जीने के लिए बचपन से कितने समझौते, कितने गलत काम किए होंगे, मैं उन्हें स्वीकार करता हूं। मैं पत्रकार हूं, टी.वी. चैनल में काम करता हूं, कहने को सच्चाई की मशाल लिए खड़ा हूं, मगर सच तो यह है कि अपने अखबार के मालिक के लिए दलाली करता हूं। मगर जब मैं लेखन करता हूं तो स्वतंत्र होता हूं। हर इंसान के चेहरे पर अनेक मुखौटे होते हैं और मैं तो मुखौटों का म्यूजियम हूं।'

इस अवसर पर दीप्ति शर्मा ने तीसरी ताली के उपन्यास अंश का मार्मिक पाठ किया। काउंसलर जकिया जुबैरी ने समारोह में वाणी प्रकाशन की युवा प्रकाशक आदिति माहेश्वरी की उपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह हिन्दी साहित्य के लिए शुभ समाचार है कि पढ़े-लिखे युवा अब हिन्दी प्रकाशन क्षेत्र में पदार्पण कर रहे हैं। इससे सकारात्मक बदलाव आने की पूरी संभावना है।

मैनें हमेशा ही यह कहा है कि हिन्दी उपन्यास और कहानी लेखन में शोध बहुत कम किया जाता है। किंतु तीसरी ताली पढ़ कर पता चलता है कि प्रदीप सौरभ ने हिजड़ों के जीवन पर कितना शोध किया है। काउंसलर जुबैरी ने सोहन राही को हिन्दी और उर्दू का श्रेष्ठ गीतकार कहा।

कथा यू.के. के महासचिव कथाकार तेजेंद्र शर्मा ने सम्मानित पुस्तकों की चयन प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए समारोह में मौजूद सोआस विश्वविद्यालय की हिन्दी विभागाध्यक्ष फ्रेंचेस्का ऑरसीनी को संबोधित करते हुए आग्रह किया कि विद्यार्थियों का सक्रिय लेखकों के साथ पारस्परिक मेलजोल जरूरी है। इससे ब्रिटेन में हिन्दी साहित्य एवं गतिविधियों को एक नई दिशा मिलेगी। संचालन करते हुए तेजेन्द्र शर्मा ने तीसरी ताली उपन्यास एवं सोहन राही के गीतों एवं गजलों से परिचय भी करवाया।

फ्रेंचेस्का ऑरसीनी ने शर्मा के प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि भविष्य में कथा सम्मान का आयोजन ऐसे समय में किया जाए जबकि विश्वविद्यालय की कक्षाएं चल रही हों और अन्य साहित्यिक गतिविधियां भी हो रही हों। कथा यू.के. के अध्यक्ष कैलाश बुधवार ने उपन्यास तीसरी ताली पर भारत के समीक्षकों की टिप्पणियां पढ़ कर सुनाईं, जिनमें सुधीश पचौरी, हीरालाल नागर एवं निरंजन क्षोत्रिय की टिप्पणियां शामिल थीं।

webdunia
USA
WD
सोहन राही की पुस्तक कुछ गजलें-कुछ गीत पर अपना लेख पढ़ते हुए नॉटिंघम की कवियत्री जय वर्मा ने कहा कि, 'सोहन राही एक पीढ़ी के लिए नहीं हैं वे युवा से लेकर सब उम्र वालों को अपने से लगते है। अंतर्मन की जटिल गुत्थियों को सुलझाते हुए जीने के अर्थ को अपनी संवेदनशील और मार्मिक कविताओं द्वारा जनसाधारण तक पहुंचाने में सफल हुए हैं।'

सोहन राही ने कथा यू.के. के निर्णायक मंडल को धन्यवाद देते हुए कहा, 'शेर कहना मेरा शुगल ही नहीं, मेरे जीवन की उपासना है। शेर-ओ-अदब मेरा जीवन है, मेरे गीत मेरा ओढ़ना-बिछौना हैं।'

webdunia
USA
WD
उन्होंने अपने गीत- कोयल कूक पपीहा बानी... का सस्वर पाठ भी किया। नेहरू सेंटर के उप-निदेशक गौरीशंकर ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि अब कथा यू.के. सम्मान की चर्चा यू.पी.एस.सी. बैंकिंग बोर्ड एवं रेल्वे बोर्ड के टेस्टों में भी होती है।

कार्यक्रम में अन्य लोगों के अतिरिक्त काउंसलर के.सी. मोहन, काउंसलर ग्रेवाल, श्रीमती पद्मजा, प्रो. अमीन मुगल, अयूब ऑलिया, जितेन्द्र बिल्लु, राम शर्मा मीत, अचला शर्मा, उषा राजे सक्सेना, गोविन्द शर्मा, नीना पॉल, महेन्द्र दवेसर, पद्मेश गुप्त, निखिल कौशिक, विजय राणा, मीरा कौशिक, परवेज आलम, पुष्पा रॉव, कविता वाचकनवी, शन्नो अग्रवाल, वेद मोहला, डॉ. महिपाल वर्मा, के.बी.एल. सक्सेना आदि ने भाग लिया।

सरस्वती वंदना निशि ने की। मुंबई से पधारीं मधु अरोड़ा ने सोहन राही का मानपत्र पढ़ा, तो हिन्दी एवं संस्कृति अधिकारी आनंद कुमार ने प्रदीप सौरभ का मानपत्र पढ़ा। कार्यक्रम का संचालन तेजेंद्र शर्मा ने किया।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi