Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कर्म

हमें फॉलो करें कर्म
- डॉ. सुरेश राय
GN

शबनम चमक दिखाती जा
अगर बहा ले सूरज पल में
रश्मि-पुंज के मादक जल में
भोर किरण भर ले आँचल में
अपनी महक उड़ाती जा
शबनम चमक दिखाती जा।

तारों, जग रोशन कर दो
साथ नाथ का पल दो पल है
निशी‍थिनी का रंग काजल है
रचिपचि रजक यहाँ ओझल है
सु-मन भुवन आशा भर दो
तारों, जग रोशन कर दो।

अरे लहरियों और उठो
सागर का मंथन जारी हो
कण-कण फिर से उद्वेलित हो
अमृत का घट पुन: प्रकट हो
नमित भाल उन्नत कर दो
अरे लहरियों और उठो।

रचिपचि (गढ़कर), रजक (रचयिता)

साभार- गर्भनाल

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi