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आप्रवास सुधार के लिए भारतीय का उदाहरण

हमें फॉलो करें आप्रवास सुधार के लिए भारतीय का उदाहरण
, शनिवार, 30 नवंबर 2013 (20:36 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक भारतीय-अमेरिकी महिला ‍उद्यमी का उदाहरण दिया जिसे सिलकन वैली में अपना काम करते हुए 12 से अधिक वर्षों बाद ग्रीन कार्ड मिला। ओबामा ने कहा कि एक समग्र आप्रवास सुधार के जरिए हम सारी दुनिया की प्रतिभाओं को अमेरिका में आकर्षित कर सकते हैं।

सैन फ्रांसिस्को में आप्रवास पर अपनी टिप्पणियों में ओबामा ने कहा कि हम अपने लिए खुद ही प्रतियोगिता को बढ़ा रहे हैं, जबकि हमें गीता जैसी असाधारण प्रतिभावान युवा लोगों को यहां रहने का मौका देना चाहिए, ताकि वे अपने कारोबार यहां पैदा कर सकें और इससे हमारे लोगों को रोजगार मिल सकें।

पंद्रह वर्ष पहले भारत से अपना सपना साकार करने अमेरिका पहुंचीं गीता बल्लभानेनी को एक कार्यक्रम के दौरान ओबामा से मिलने का मौका मिला था। इस मामले में व्हाइट हाउस के एक अधिकारी का कहना है कि एक ग्रीन कार्ड के लिए 12 वर्ष तक इंतजार करने के बाद गीता अब सिलकन वैली में अपने सपने को जी रही हैं। उन्होंने ग्रीन कार्ड मिलने के दस महीनों के दौरान ल्युमिनिक्स नामक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू की।

शीर्ष अमेरिकी सीईओज के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता है कि अमेरिका में सारी दुनिया से प्रतिभावान लोग आएं और उन्हें यहां केवल बने ही नहीं रहने दें, उनका कहना था कि हम चाहते हैं कि वे हमारे लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करें और अपने नए-नए कारोबार लगाएं ताकि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लाभ मिले।

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