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समस्त पापों से छुटकारा दिलाता है माघ मास...

माघ मास में नदियों में स्नान अवश्य करें

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पुराणों में माघ मास का मह‍त्व
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पुराणों के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक माघ मास में पवित्र नदी नर्मदा, गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी सहित अन्य जीवनदायिनी नदियों में स्नान करने से मनुष्य को समस्त पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष का मार्ग खुल जाता है।

महाभारत के एक दृष्टांत में उल्लेख करते हुए बताया गया है कि माघ माह के दिनों में अनेक तीर्थों का समागम होता है। वहीं पद्मपुराण में बताया गया है कि अन्य मास में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि माघ मास में नदी तथा तीर्थस्थलों पर स्नान करने से होते हैं। यही वजह है कि प्राचीन पुराणों में भगवान नारायण को पाने का सुगम मार्ग माघ मास के पुण्य स्नान को बतलाया गया है।

निर्णय सिंधमें कहा गया है कि माघ मास के दौरान मनुष्य को कम से कम एक बार पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। भले पूरे माह स्नान के योग न बन सकें लेकिन एक दिन के स्नान से श्रद्धालु स्वर्ग लोक का उत्तराधिकारी बना जा सकता है। इस बात का उदाहरण इस श्लोक से मिलता है।

॥मासपर्यन्त स्नानासम्भवे तु त्रयहमेकाहं वा स्नायात्‌॥
-अर्थात् जो लोग लंबे समय तक स्वर्ग लोक का आनंद लेना चाहते हैं, उन्हें माघ मास में सूर्य के मकर राशि में स्थित होने पर तीर्थ स्नान अवश्य ही करना चाहिए।

तीर्थ स्थान पर यह संकल्प लें
॥स्वर्गलोक चिरवासो येषां मनसि वर्तते
यत्र काच्पि जलै जैस्तु स्नानव्यं मृगा भास्करे॥
- अर्थात् माघ स्नान का संकल्प शास्त्रों के अनुसार पौष पूर्णिमा को ले लेना चाहिए। लेकिन अगर उस समय यह संकल्प नहीं लिया गया हो तो आप माघ में तीर्थ स्नान के दौरान यह संकल्प करके, भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन करना चाहिए। साथ ही संभव हो तो एक समय भोजन का व्रत भी करना चाहिए।

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जिस प्रकार माघ मास में तीर्थ स्नान का बहुत महत्व है, उसी प्रकार दान का भी विशेष महत्व है। इन माह में दान में तिल, गुड़ और कंबल या ऊनी वस्त्र दान देने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

मत्स्य पुराण के एक कथन के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा में जो व्यक्ति ब्राह्मण को ब्रह्मावैवर्तपुराण का दान करता है, उसे ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। सदियों से माघ माह की विशेषता को लेकर भारत वर्ष में नर्मदा, गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी सहित कई पवित्र नदियों के तट पर माघ मेला भी लगता हैं।

माना जाता है कि माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से एक विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। वहीं पुराणों में वर्णित है कि इस माह में पूजन-अर्चन व स्नान करने से नारायण को प्राप्त किया जा सकता है तथा स्वर्ग की प्राप्ति का मार्ग भी खुलता है।

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