प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है।
पर्यावरण को संरक्षित करने की दृष्टि से ही पेड़-पौधों में ईश्वरीय रूप को स्थान देकर उनकी पूजा का विधान बताया गया है। जल में वरुण देवता की परिकल्पना कर नदियों व सरोवरों को स्वच्छ व पवित्र रखने की बात कही गई है।
वायु मंडल की शुचिता के लिए वायु को देवता माना गया है।