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हैदराबाद में कट्टरपंथियों पर कड़ी नजर

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हैदराबाद (भाषा) , मंगलवार, 16 दिसंबर 2008 (18:32 IST)
शहर में मौजूद मुस्लिम कट्टरपंथी संगठनों और उनकी गतिविधियों पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह बात कही।

यह पूछे जाने पर कि शहर में सक्रिय संगठन नुरुशी थारीकाथ में केरल से आने वाले युवकों को जम्मू-कश्मीर में जेहाद में शामिल होने के लिए कथित तौर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है शहर के पुलिस आयुक्त बी. प्रसाद राव ने कहा कि केरल से बड़ी संख्या में युवक इस संगठन में धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं।

राव ने कहा हम जानते हैं कि केरल के कई युवा यहाँ प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह संगठन उन्हें धार्मिक शिक्षा प्रदान करता है, लेकिन हमारे पास इसका कोई आधार नहीं है कि यह संगठन चरमपंथी गतिविधियों में शामिल है।

केरल के गृहमंत्री कोदियेरी बालकृष्णन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इस संगठन में धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने वाले युवकों में 30 से 40 फीसदी केरल के हैं।

बालकृष्णन ने अपने बयान में कहा था कि थारीकाथ ने केरल के युवकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आतंकवादी गतिविधियां फैलाने के लिए जम्मू-कश्मीर भेजा है।

आंध्रप्रदेश पुलिस का खुफिया दल और केरल की विशेष टीम ने गत माह यहाँ एक संदिग्ध आतंकवादी मोहम्मद अब्दुल जब्बार को गिरफ्तार किया था।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ जारी मुठभेड़ से जब्बार के भाग निकलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। उस मुठभेड़ में केरल के चार युवक भी मारे गए। इन सभी युवकों ने नुरुशी थारीकाथ में प्रशिक्षण प्राप्त किया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या हैदराबाद आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है पुलिस आयुक्त ने कहा कि आंध्रप्रदेश उन राज्यों में शामिल है, जहाँ बड़ी संख्या में आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी है।

उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश उन राज्यों में शामिल है, जहाँ सिमी के सबसे ज्यादा कार्यकर्ता हैं। राव ने कहा कि इसके अलावा दरगाह जेहाद-ओ-शहादत (डीजेएस) और तहरीक तहफूज शरिया-ए-इस्लाम पर भी खुफिया विभाग की नजर है।

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि शहर से लापता मुस्लिम युवक पाकिस्तान भेजे गए हैं, जहाँ उन्हें आतंकवादी संगठन प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ युवक लापता हुए हैं, लेकिन विभिन्न आपराधिक मामलों में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वे गायब हुए हैं।

राव ने यह भी कहा कि कुछ लोग दूसरे राज्यों या विदेशों में नौकरी के लिए गये हैं। बहरहाल वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह कहा कि हम इस बात की जाँच कर रहे हैं कि क्या लापता युवकों को पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रशिक्षण तो नहीं दिया जा रहा है।

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