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फर्जी मुठभेड़ मामले में नया मोड़

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अहमदाबाद (भाषा) , सोमवार, 4 जून 2007 (12:21 IST)
सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में मंगलवार को सुनवाई के दौरान नाटकीय स्थिति देखने को मिली। डीजी वंजारा के समर्थकों ने उन्हें माला पहनाई और उनके समर्थन में नारे लगाए। दूसरी ओर इस मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब गुजरात सरकार ने अदालत को बताया कि इस मामले में आंध्रप्रदेश पुलिस भी शामिल थी।

बहरहाल अदालत ने गिरफ्तार भारतीय पुलिस सेवा के तीनों अधिकारियों की पुलिस हिरासत की अवधि पांच मई तक के लिए बढ़ा दी। तीनों पुलिस अधिकारियों को कड़ी सुरक्षा के बीच मेट्रोपोलिटन अदालत में लाया गया। जब वरिष्ठ अधिकारी वंजारा को वहाँ लाया गया तब उनके समुदाय और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए।

दो अन्य अधिकारियों राजकुमार पांडियन और दिनेशकुमार एमएन के साथ वंजारा जब अदालत जा रहे थे तब वंजारा के समर्थकों ने उन्हें माला भी पहनाई।

अदालत में सरकारी वकील जीएस सैनी ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के जे उपाध्याय से तीनों अधिकारियों को 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेजने का अनुरोध किया। सैनी ने दलील दी कि जाँच दल को सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ और उसके बाद कौसर बी की हत्या की जाँच के लिए तीनों से पूछताछ के लिए इतने समय की जरूरत है।

कांग्रेस को भाजपा की चेतावनी : भाजपा ने कांग्रेस को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि वह चुनावी फायदे के लिए सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी मुठभेड़ मामले का राजनीतिकरण न करे।

भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ के षडयंत्र में पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं था। उन्होंने कहा विपक्ष पूरे मामले का राजनीतिकरण करना चाहता है। लेकिन फर्जी मुठभेड़ मामले को उठाने पर कांग्रेस को पछताना पड़ेगा।

मुठभेड़ मामले में नया मोड़ : फर्जी मुठभेड़ मामले में गुजरात सरकार ने अब नया खुलासा करते हुए उच्चतम न्यायालय में कहा है कि आतंकवाद निरोधी दस्ते और आंध्रप्रदेश पुलिस के लोग सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या में शामिल थे। गुजरात सरकार के नए खुलासे से फर्जी मुठभेड़ मामले ने नया मोड़ ले लिया है।

गुजरात सरकार ने कहा कि सोहराबुद्दीन ने हैदराबाद से महाराष्ट्र में सांगली के लिए दो टिकट बुक कराए थे और पति-पत्नी 22 नवंबर को बस में सवार हुए थे।

बाद में रास्ते में उन्हें सशस्त्र लोगों ने उतार लिया और सड़क के रास्ते एटीएस गुजरात और आंध्र पुलिस वाहन बदलकर उन्हें अहमदाबाद लाई थी। सूत्रों के मुताबिक सोहराबुद्दीन और कौसर को मारे जाने से पहले अहमदाबाद के निकट फार्म हाउस में रखा गया था।

आंध्रप्रदेश का इन्कार : आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने इस बात से इन्कार किया कि गुजरात के फर्जी मुठभेड़ मामले में प्रदेश पुलिस शामिल थी।

दूसरी ओर हैदराबाद के पुलिस आयुक्त बलविंदरसिंह ने कहा है कि एक राज्य की पुलिस का दूसरे प्रदेश पुलिस को मदद देना सामान्य बात है।

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