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'अनुच्छेद 355 नंदीग्राम का हल नहीं'

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कोलकाता (वार्ता) , गुरुवार, 8 नवंबर 2007 (15:59 IST)
मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) की नेता मेधा पाटकर ने गुरुवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल नंदीग्राम समस्या का समाधान नहीं है।

पाटकर विमान से दिल्ली से आज सुबह यहाँ पहुँचीं और सीधे नंदीग्राम के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने स्थानीय हवाईअड्डे पर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जानती हूँ कि पुलिस मुझे नंदीग्राम में घुसने से पहले ही रोक देगी, लेकिन नागरिक और मानवाधिकारों का वहाँ उल्लंघन हो रहा है और मैं इससे अलग नहीं रह सकती।

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में शांति स्थापित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत केंद्रीय हस्तक्षेप की माँग की है।

उन्होंने मंगलवार शाम को तृणमूल के नेतृत्व वाली कृषि जमीं रक्षा समिति (केजेआरसी) तथा कांग्रेस की संयुक्त टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यपाल गोपाल कृष्ण गाँधी से मुलाकात कर उनसे अनुच्छेद 355 के इस्तेमाल की माँग की थी।

पाटकर ने सुश्री बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल समस्या का समाधान नहीं है। यदि ऐसा होता है तो इससे नागरिक अधिकार प्रभावित होंगे। नंदीग्राम में शांति स्थापित करने का रास्ता तलाशना होगा। हमें खून बहने से रोकना होगा। मानवाधिकारों की रक्षा करनी होगी। उन्होंने नंदीग्राम इलाके में शांति स्थापित करने के लिए राज्यपाल की ओर से किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की। नंदीग्राम में भूमि उच्चेड प्रतिरोध कमेटी (बीपीयूसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं के बीच पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष में चार लोगों की मृत्यु हो गई।

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