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इनामी डकैत घनश्याम मुठभेड़ में ढेर

50 हजार रुपए का इनाम था डकैत पर

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अरविन्द शुक्ला

लखनऊ , गुरुवार, 18 जून 2009 (18:52 IST)
जनपद चित्रकूट के थाना राजापुर क्षेत्र के ग्राम जमौली में पिछले 50 घंटे से चली आ रही पुलिस मुठभेड़ के दौरान जंगल की ओर भाग रहे 50 हजार के इनामी डकैत घनश्याम केवट को पुलिस ने ढेर कर दिया।

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गुरुवार को प्रातः मुठभेड़ के दौरान एक और जवान आरक्षी वीरसिंह गोली लगने से शहीद हो गए। इसके बाद जिस घर में डकैत घनश्याम छिपा हुआ था, उस घर पर पुलिस ने ग्रेनेड से हमला किया और जेसीबी मशीन से घर तोड़ने का प्रयास किया गया।

इसी बीच घनश्याम केवट दोपहर में मकान की छत से फाँदकर जंगल की ओर भागने का प्रयास कर रहा था, तभी अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था बृजलाल के नेतृत्व में पुलिस बल द्वारा उसका पीछा किया गया और थोड़ी ही दूर तक भागने के बाद उसे मुठभेड़ में मार गिराया। डकैत घनश्याम के पास एक 315 बोर की रायफल एवं भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि 16 जून को इसी गाँव में लगभग 11 बजे इनामी डकैत नानू उर्फ घनश्याम केवट से पुलिस मुठभेड़ प्रारंभ हुई थी, जिसमें आरक्षी शमीम की मौत हो गई और दो आरक्षी घायल हो गए थे। लगातार मुठभेड़ के दौरान पीएसी के कम्पनी कमांडर बेनी माधवसिंह शहीद हो गए और घायल आरक्षी इकबाल जो डीआईजी बांदा का हमराह था, को इलाज के लिए राजापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया जा रहा था। उनकी भी बुधवार को मौत हो गई।

उप निरीक्षक नवेन्द्रसिंह एसटीएफ, आरक्षी अकरम एसटीएफ, आरक्षी दिलीप कुमार तिवारी एसओजी चित्रकूट, आरक्षी राजेन्द्र सिंह को घायलावस्था में उपचार के लिए चित्रकूट से जिला अस्पताल इलाहाबाद हेलिकॉप्टर से भेजकर भर्ती कराया गया था।

मुठभेड़ के दौरान पुलिस महानिरीक्षक (पीएसी) वीके गुप्ता एवं पुलिस उप-महानिरीक्षक (चित्रकूट परिक्षेत्र) एसके सिंह भी घायल हो गए थे, जिन्हें इलाज हेतु एसजीपीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया।

डकैतों की घेराबंदी कर पुलिस ने गाँव को खाली करा लिया था। बुधवार को सायंकाल ही अपर पुलिस महानिदेशक बृजलाल मौके पर पहुँच गए थे।

राज्य के पुलिस महानिदेशक विक्रमसिंह ने कहा कि मारा गया डकैत घनश्याम केवट उर्फ नानू पुत्र नन्हू केवट सुरवल थाना राजापुर जनपद चित्रकूट का हिस्ट्रीशीट नं0-112ए हार्ड कोर का सदस्य था। इसका अंतरराज्यीय गैंग आईएस-214 में 15 लोग गैंग के सदस्य हैं।

घनश्याम केवट ने 8 दिसम्बर 2003 को ग्राम सुरूवल के बृजभान का अपहरण कर हत्या, 7 अगस्त 2005 को ग्राम चाँदी में पप्पू उर्फ लवसिंह की गोली मार कर हत्या, 21 जुलाई 2004 को गैंग के साथ कस्बा मानिकपुर में शिवकुमार केशरवानी की हत्या एवं उसके परिवार के तीन लोगों का अपहरण 22/23 मई 2008 को एसओजी टीम द्वारा हुई मुठभेड़ में कांस्टेबल अभय राय की गोली मार कर हत्या कर दी थी।

घनश्याम केवट पर चित्रकूट के थाना राजापुर तथा मानिकपुर पर हत्या, अपहरण, लूट, हत्या तथा गैंगेस्टर एक्ट के कुल नौ अभियोग दर्ज हैं, जिनमें से आठ अभियोगों में वह वांछित चल रहा था। 19 दिसम्बर 2008 को उत्तरप्रदेश शासन ने घनश्याम केवट पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।

डकैत से मुठभेड़ के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक बृजलाल के नेतृत्व में पुलिस महानिरीक्षक इलाहाबाद परिक्षेत्र सूर्य कुमार शुक्ला, एसएसपी एसटीएफ एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसटीएफ एसओ जी पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ डकैत घनश्याम की घेराबंदी की गई थी, जिसके परिणाम स्वरूप 50 घंटे से अधिक चली मुठभेड़ में घनश्याम केवट को मार गिराया गया।

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