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कुली नहीं पोर्टर कहिए

हमें फॉलो करें कुली नहीं पोर्टर कहिए
नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2008 (17:09 IST)
उनकी माँग रेल मंत्री के सामने पेश किए जाने वाले माँग पत्र में सूचित नहीं है। लेकिन वह सही समय पर यह सवाल उठाने की योजना बना रहे हैं कि उन्हें कुली क्यों कहा जाता है, पोर्टर क्यों नहीं कहा जाता।

ऑल इंडिया रेलवे कुली ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष मंगत राम सैनी ने बताया हमारी कुछ माँगें हैं। हम चाहते हैं कि कुलियों को चौथे दर्जे के कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए और 60 बरस के हो चुके हमारे साथियों के लिए पेंशन योजना हो।

दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क भारत में है और इसकी अभिन्न पहचान बन चुके कुलियों को भारतीय रेलवे को समर्थन देने वाला सबसे बड़ा गैरसरकारी ढाँचा कहा जा सकता है।

कुलियों ने अपनी माँग राजधानी में संसद घेराव अभियान के दौरान उठाई। सैनी मानते हैं कि उनके सामाजिक उत्थान के लिए उन्हें बेहतर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। वह कहते हैं कुली कहने पर ब्रिटिश राज तथा दासता का अहसास होता है।

उन्होंने कहा कुली कह कर पुकारने पर लगता है कि उस काम का स्तर बहुत ही नीचा है जो हम हर दिन लाखों यात्रियों के लिए करते हैं।

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