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नरेन्द्र मोदी पहले ओबीसी मुख्यमंत्री

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गांधीनगर , सोमवार, 26 नवंबर 2012 (19:28 IST)
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गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के पहले ऐसे नेता हैं, जो राज्य के इस सर्वोच्च राजनीतिक पद तक पहुंचे हैं। 1960 में राज्य के गठन के बाद से अब तक 14 मुख्यमंत्री हुए हैं। इनमें सर्वाधिक चार ब्राह्मण, तीन वैश्य, तीन पटेल, दो क्षत्रिय और एक आदिवासी शामिल है।

भाजपा, कांग्रेस और गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) सहित सभी पार्टियों ने राजनीतिक रूप से शक्तिशाली पटेल समुदाय को प्रचुर संख्या में उम्मीदवार बनाया हैं।

राज्य के पहले मुख्यमंत्री जीवराज मेहता (कांग्रेस) वैश्य समुदाय के थे। उनके अलावा छबीलदास मेहता (कांग्रेस) और दिलीप पारिख (आरजेपी) भी वैश्य थे। बलवंत राय मेहता, हितेन्द्र देसाई, घनश्याम ओझा (सभी कांग्रेस) और सुरेश मेहता (भाजपा) ये सभी ब्राह्मण थे।

चिमनभाई पटेल, बाबूभाई पटेल (दोनों कांग्रेस) और केशूभाई पटेल (भाजपा) राजनीतिक रूप से शक्तिशाली पटेल समुदाय के थे। माधवसिंह सोलंकी (कांग्रेस) और शंकरसिंह वाघेला (आरजेपी) क्षत्रिय थे। अमरसिंह चौधरी (कांग्रेस) आदिवासी थे।

उम्मीदवारी को लेकर घमासान : विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी किए जाने के साथ ही दोनों ही दलों के असंतुष्ट नेताओं ने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया।

भाजपा और कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की सूची जारी किए जाने के बाद दोनों ही दलों में घमासान मच गया है और दोनों ही पार्टियों को अपने सदस्यों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

भाजपा के वर्तमान विधायक कालू विरानी ने टिकट नहीं दिए जाने पर क्षुब्ध होकर स्वरकुंडला चुनाव क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

दूसरी ओर कांग्रेस में भी सदस्यों को विरोध खुलकर सामने आ गया है और टिकट नहीं मिलने पर जूनागढ़ के वरिष्ठ सदस्य गिरीश कोटेचा ने अपनी नाराजगी दिखा दी है। ऐसा भी माना जा रहा है कि उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इस चुनाव में उतरने के लिए कमर कस ली है। (वार्ता)

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