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नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के अपराधों पर नकेल

हमें फॉलो करें नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के अपराधों पर नकेल

अरविन्द शुक्ला

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लखनऊ। नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

मंत्रिपरिषद ने जनपद गौतमबुद्ध नगर के नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में अपराध एवं अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्राप्त प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।

इसके तहत सिविल पुलिस के नए थानों की स्थापना, पुराने थानों का उच्चीकरण, महिला थाना, ट्रैफिक पुलिस, कंट्रोल रूम, फायर क्राइम पुलिस स्टेशन तथा साइबर क्राइम प्रयोगशाला की स्थापना, पुराने फायर स्टेशन का उच्चीकरण, फॉरेन्सिक साइंस लैब, साइबर थाने की स्थापना के साथ-साथ पीसीआर एवं लैपर्ड के प्रयोजन हेतु वाहनों, मोटरसाइकिलों एवं मोबाइल बैरियर की व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया गया है।

नए स्थापित होने वाले थाने हैं- थाना फेस-3, ईकोटेक-1, ईकोटेक-3, नॉलेज पार्क तथा एक्सप्रेस-वे। सेक्टर-14ए स्थित पुलिस कार्यालय में अत्याधुनिक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा 05 नए फायर स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे।

इस सुरक्षा प्रबन्ध हेतु भूमि, भवन, वाहन, फर्नीचर आदि पर होने वाले कैपिटल व आवर्तक व्यय का वहन, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में किया जाएगा।

थानों की हालत कैसे बदली जाएगी...आगे पढ़ें..


मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के दो तिहाई थानों में निरीक्षक ना.पु. प्रभारी के रूप में तैनात किए जाने तथा शेष एक तिहाई थानों पर उपनिरीक्षकों को थानाध्यक्ष के रूप में तैनात किए जाने का निर्णय लिया है।

जिला पुलिस में मीडिया के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करने, पुलिस के अच्छे एवं सराहनीय कार्यों के समुचित प्रचार-प्रसार हेतु निरीक्षकों को जनसम्पर्क अधिकारी के पद पर तैनात करने, जनपद के थानों से महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान कर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाने, अभिलेखों के रख-रखाव हेतु निरीक्षकों को तैनात करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

साथ ही प्रदेश के 8 जनपदों में आपराधिक वारदातों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सनसनीखेज एवं जघन्य अपराधों के शीघ्र अनावरण हेतु 1-1 निरीक्षक को सर्किल इंस्पेक्टर अपराध के नाम से नियुक्त करने का फैसला लिया गया है।

भविष्य में प्रदेश के अन्य थानों को निरीक्षक स्तर का किए जाने तथा निरीक्षकों के डिप्लॉयमेन्ट में संशोधन/परिवर्धन हेतु प्रमुख सचिव गृह का अनुमोदन ही अपेक्षित होगा।

समूह 'ग' के पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया नियमावली-2014 अनुमोदित मंत्रिपरिषद ने उत्तरप्रदेश (उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग के क्षेत्र के बाहर) समूह 'ग' के पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2014' को अनुमोदित कर दिया है।

सीधी भर्ती की प्रक्रिया से सम्बन्धित नियम-5 में संशोधन किया गया है। इसके तहत चयन के लिए कुल 100 अंक होंगे। श्रेष्ठता सूची तैयार करने के लिए 40 अंकों की वस्तुनिष्ठ प्रकार की लिखित परीक्षा होगी, जो नियुक्ति प्राधिकारी के क्षेत्राधिकार को दृष्टिगत रखते हुए राज्य स्तर पर, विभागाध्यक्ष स्तर और जिला स्तर पर आयोजित की जाएगी। शैक्षिक अर्हता के लिए अधिकतम 30 अंक दिए जाएंगे। खिलाड़ी को अधिकतम 05 अंक दिए जाएंगे तथा साक्षात्कार 25 अंकों का होगा।

यदि दो या अधिक अभ्यर्थी कुल योग में बराबर अंक प्राप्त करें तो लिखित परीक्षा में उच्चतर अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को सूची में ऊपर रखा जाएगा। लिखित परीक्षा में भी दो या अधिक अभ्यर्थियों द्वारा बराबर-बराबर अंक प्राप्त करने की दशा में आयु में ज्एष्ठ अभ्यर्थी को सूची में ऊपर रखा जाएगा।

बंगलों को ध्वस्त कराने का प्रस्ताव अनुमोदित..अगले पन्ने पर..


माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में न्यायमूर्तिगणों की संख्या 95 से बढ़कर 160 स्वीकृत होने के मद्देनजर उच्च न्यायालय इलाहाबाद के विस्तार के लिए 30 कोर्टरुम तथा 20 चैम्बर के निर्माण की आवश्यकता को देखते हुए, मंत्रिपरिषद ने न्यायमूर्तिगणों के बंगला नम्बर-3, 21, 22, 23, गेस्ट हाउस तथा उच्च न्यायालय के महानिबन्धक के बंगले को ध्वस्त किए जाने एवं ध्वस्तीकरण के फलस्वरुप भवनों के ह्रास मूल्य से संबंधित 92.18 लाख रुपए की धनराशि को बट्टे खाते में डाले जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि विस्तार कार्य हेतु इन बंगलों को ध्वस्त किए जाने की अपेक्षा महानिबन्धक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा शासन से की गई थी।

जनपद झांसी को 'बी-2' श्रेणी में वर्गीकृत करने का निर्णय : मंत्रिपरिषद ने जनपद झांसी, जो वर्तमान में मकान किराए भत्ते की अनुमन्यता हेतु ÷सी' श्रेणी में वर्गीकृत है, को 'बी-2' श्रेणी में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया है। इसके फलस्वरूप झांसी नगर में कार्यरत कार्मिकों को बढ़ी हुई दर से मकान किराया भत्ता देय हो जाएगा।

इसके अतिरिक्त प्रदेश के 15 ऐसे जनपद मुख्यालय जो वर्तमान में मकान किराया भत्ते की अनुमन्यता हेतु अवर्गीकृत श्रेणी में हैं, को 'सी' श्रेणी में वर्गीकृत में वर्गीकृत लिया गया है। इसके फलस्वरूप इन जनपद मुख्यालयों में कार्यरत कार्मिकों को बढ़ी हुई दर पर मकान किराया भत्ता मिलेगा। इस निर्णय से राज्य सरकार पर लगभग 84 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्ययभार आएगा तथा प्रदेश के लगभग एक लाख कार्मिक लाभान्वित होंगे।

गोमती नदी तट विकास परियोजना : मंत्रिपरिषद ने लखनऊ में गोमती नदी तटबन्धों को और अधिक सुन्दर तथा जनोपयोगी बनाए जाने की आवश्यकता को देखते हुए, गोमती नदी तट विकास परियोजना (प्रथम चरण) में हनुमान सेतु से डालीगंज पुल तक 1.7 किमी लम्बाई में प्रस्तावित कार्यों के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा शौचालयों के निर्माण हेतु जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा), लखनऊ को कार्यदायी संस्था नामित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

उप्र उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली, 2014 को मंजूरी : मंत्रिपरिषद ने उत्तरप्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली-1975 में आंशिक संशोधन करते हुए उत्तरप्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (नवां संशोधन) नियमावली, 2014 को मंजूरी प्रदान कर दी है।

इसके तहत उप्र न्यायिक सेवा के अधिकारियों में से पदोन्नति द्वारा वर्तमान 50 प्रतिशत कोटा को संशोधित कर 65 प्रतिशत, न्यूनतम 05 वर्षों की सेवा रखने वाले सिविल जज सीनियर डिवीजन में से सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा वर्तमान 25 प्रतिशत कोटे को घटाकर 10 प्रतिशत तथा सीधी भर्ती द्वारा वर्तमान 25 प्रतिशत कोटे को यथावत रखा गया है।

साथ ही वर्तमान न्यायिक सेवा से उच्चतर न्यायिक सेवा में पदोन्नति का आधार अब श्रेष्ठता-सह-ज्एष्ठता किया गया है। इसके अलावा उच्चतर न्यायिक सेवा में नियुक्ति के रोस्टर में भी संशोधन किया गया है।

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