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पूर्व वित्तमंत्री राघवजी 22 जुलाई तक जेल में रहेंगे

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भोपाल , मंगलवार, 9 जुलाई 2013 (21:56 IST)
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भोपाल। अपने नौकर के कथित रूप से यौन शोषण के आरोप में मध्यप्रदेश का वित्त मंत्री पद गंवाने वाले राघवजी की मंगलवार सुबह गिरफ्तारी के बाद शाम को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 22 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) उपेन्द्र जैन ने बताया कि पुराने शहर के कोहेफिजा इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट के फ्लैट पर छापा मारकर आज सुबह गिरफ्तार किए गए पूर्व वित्तमंत्री राघवजी को दोपहर में चिकित्सकीय परीक्षण के लिए हमीदिया अस्पताल ले जाया गया।

राघवजी को शाम में भोपाल के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी (सीजेएम) संजय कुमार पाण्डे की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने राघवजी को 22 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

राघवजी के वकील पुरुषोत्तम पंजवानी ने बताया कि अदालत को उनके मुवक्किल की खराब सेहत के बारे में बताया गया, जिस पर सीजेएम पाण्डे ने भोपाल की केन्द्रीय जेल प्रबंधन को जेल में उन्हें समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। पंजवानी ने बताया कि राघवजी की जमानत को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा खोसला की अदालत में आवेदन दिया गया है, जिसकी कल सुनवाई होगी।

अदालत की कार्यवाही पूरी होने के बाद राघवजी को पुलिस वाहन में भोपाल के केन्द्रीय जेल भेज दिया गया। इससे पहले पुलिस ने 'मोबाइल लोकेशन' के आधार पर आज सुबह पुराने शहर के कोहेफिजा इलाके में 'राशिप्रभा अपार्टमेंट' के एक फ्लैट पर छापा मारकर राघवजी को गिरफ्तार किया था।

पुलिस जिस समय इस फ्लैट पर पहुंची, तो वहां ताला लगा हुआ था, पुलिस ने ताला तोड़कर राघवजी को गिरफ्तार किया और हबीबगंज पुलिस थाने पर उनकी गिरफ्तारी की औपचारिकता पूरी करने के बाद हमीदिया अस्पताल में उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया और फिर उन्हें सीजेएम की अदालत में पेश किया।

उल्लेखनीय है कि गत पांच जुलाई की सुबह राघवजी का नौकर राजकुमार दांगी अपने सहयोगी घनश्याम कुशवाह के शपथ पत्र के साथ एक शिकायती पत्र लेकर हबीबगंज पुलिस थाने पहुंचा था। उसने तत्कालीन वित्तमंत्री राघवजी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।

यह भी उल्लेखनीय है कि पांच जुलाई को यह मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राघवजी से मंत्री पद से इस्तीफा मांग लिया और मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल रामनरेश यादव ने उसे मंजूर भी कर लिया।

दो दिन बाद सात जुलाई को विधानसभा में विपक्ष के नेता अजयसिंह 'राहुल' के सरकारी निवास पर राजकुमार सामने आया तथा मीडिया के सामने उसने राघवजी, उनके पुराने नौकर शेरसिंह चौहान एवं उसके साले सुरेश चौहान पर यौन शोषण के आरोप लगाए। इसके बाद वह कांग्रेस नेताओं के साथ हबीबगंज पुलिस थाने पहुंचा, जहां उसके बयान दर्ज होने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 377, 506 एवं 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया।

इसी दिन शाम को भाजपा ने राघवजी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। इसके अगले दिन आठ जुलाई को विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन राघवजी के निष्कासन का पत्र मिलने पर अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने उन्हें असंबद्ध सदस्य घोषित कर दिया।

राघवजी को लेकर इस समूचे घटनाक्रम ने प्रदेश में सत्तारुढ़ भाजपा को असहज स्थिति में ला खड़ा किया है, क्योंकि चार माह बाद नवंबर में राज्य में विधानसभा के चुनाव होना हैं और पार्टी इस बार सत्ता की 'हैट्रिक' लगाने के प्रयास में जुटी है। (भाषा)

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