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भोजशाला विवाद, नहीं होने देंगे नमाज-शंकराचार्य

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इंदौर , गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013 (20:15 IST)
इंदौर। काशी सुमेरु पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने धार की विवादास्पद भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के शुक्रवार को वसंत पंचमी पर जुम्मे की नमाज अदा कराने के फैसले को अनुचित बताया है।

इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने इस निर्णय को अमली जामा पहनाने की कोशिश की, तो इसके भयंकर नतीजे हो सकते हैं। शंकराचार्य ने धार के लिए रवाना होने से पहले गुरुवार को इंदौर में कहा कि केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग का भोजशाला में कल वसंत पंचमी पर दोपहर एक बजे से तीन बजे तक जुम्मे की नमाज अदा कराने की मंजूरी देने का फैसला उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि हालांकि हम मध्यप्रदेश का अमन-चैन खराब करना नहीं चाहते, लेकिन अगर सरकार ने इस फैसले को अमल में लाने का प्रयास किया तो इसके भयानक परिणाम हो सकते हैं।

शंकराचार्य ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक वसंत पंचमी का पर्व कल (15 फरवरी) ही पड़ रहा है। लिहाजा हिंदुओं को कल भोजशाला में सूर्योदय से सूर्यास्त तक पूजा-पाठ की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद से 150 संतों का प्रतिनिधिमंडल कल 13 फरवरी की रात सड़क मार्ग से धार के लिए रवाना हो चुका है।

भोजशाला को एएसआई ने संरक्षित किया है। एक धार्मिक पक्ष का मानना है कि यह प्राचीन स्थान वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि दूसरा समुदाय इसे अपनी इबादतगाह बताता है। एएसआई की ओर से की गई व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर जुम्मे (शुक्रवार) को इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत है।

संयोग से इस साल वसंत पंचमी शुक्रवार को पड़ रही है। इसके मद्देनजर भोजशाला मसले को लेकर पैदा होने वाली किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए धार में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं।

सरकार ने भरोसा दिलाया : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को राज्य सरकार की ओर से आज भरोसा दिलाया गया कि धार के भोजशाला मसले के मद्देनजर वसंत पंचमी पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम किए हैं।

इसके बाद न्यायालय ने प्रदेश मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य आरिफ मसूद द्वारा इस मसले को लेकर दायर जनहित याचिका का निबटारा कर दिया। (भाषा)

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