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माओवादी हमले में 76 सुरक्षाकर्मी शहीद

दंतेवाड़ा में हुआ अब तक सबसे बड़ा हमला

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रायपुर , मंगलवार, 6 अप्रैल 2010 (22:45 IST)
PTI
करीब 1000 नक्सलवादियों ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मुकराना के घने जंगल में अब तक का सबसे घातक हमला किया, जिसमें 76 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए।

यह हमला सुबह छह से सात बजे के बीच किया गया, जब केन्द्रीय आरक्षी पुलिस बल और राज्य पुलिस के संयुक्त दल में शामिल करीब 100 सुरक्षाकर्मी नक्सलवादियों के खिलाफ सेना के एक अभियान की शुरुआत से पहले सड़क खोलने के काम को पूरा करके वापस लौट रहे थे।

राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के चिंतलनार और टारमेटला गाँव के बीच किए गए इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के असिस्टेंट कमांडेंट बीएल मीणा और डिप्टी कमांडेंट सत्यवान समेत 76 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। मरने वालों में जिला पुलिस बल का हवलदार सियाराम ध्रुव भी शामिल है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ और जिला बल का संयुक्त दल नक्सल विरोधी अभियान के तहत पिछले तीन दिनों से जंगल में था। अभियान के दौरान आज सुबह सुरक्षाकर्मियों का दल जैसे ही तारमेटला और चिंतलनार गाँव के जंगल के करीब पहुँचा, नक्सलियों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और उनके वाहन को विस्फोट से उड़ाने के बाद उन पर गोलियों की बौछार कर दी।

इस हमले ने केन्द्र सरकार को विचलित कर दिया और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गृहमंत्री पी चिदंबरम से टेलीफोन पर बात करके उन्हें हालात का जायजा लेने को कहा। दोनों ने घटना पर सदमे का इजहार करने के साथ ही इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने पर दुख व्यक्त किया।

इस बीच भाजपा ने सुरक्षाकर्मियों पर नक्सलियों के इस घातक हमले की निंदा करते हुए कहा कि नक्सलवाद का पूरी तरह से सफाया करने का वक्त आ गया है और पार्टी माओवादियों को नेस्तनाबूद करने के सरकार की ‘किसी भी कार्रवाई’ का समर्थन करेगी।

एक हजार नक्सली हमलावर : उधर रायपुर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से अब तक 76 शव मिल चुके हैं और ऐसा संदेह है कि सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ इस हमले में करीब एक हजार नक्सलियों ने हिस्सा लिया।

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PTI
घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल से लगभग चार किलोमीटर दूर चिंतलनार पुलिस पोस्ट और अन्य स्थानों से अतिरिक्त पुलिस बल रवाना किया गया तथा घायलों को घटनास्थल से बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई।

लगभग पाँच घंटों तक गोलीबारी करने के बाद नक्सली वहाँ से फरार हो गए। यह भी जानकारी मिली है इस दौरान नक्सली पुलिस जवानों के हथियार भी अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से घायलों को बाहर निकालने और पुलिस दल की मदद के लिए हेलिकॉप्टर भी रवाना किया गया तथा शवों और घायलों को निकालने की कार्रवाई शुरू की।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमनसिंह ने इस वारदात की जानकारी मिलते ही राज्य के पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित दंतेवाड़ा के पुलिस महानिरीक्षक और कलेक्टर से भी घटना की पूरी जानकारी ली और उन्हें घायल जवानों का बेहतर इलाज करवाने के निर्देश दिए।

सबसे बड़ा हमला : गौरतलब है कि राज्य में यह सबसे बड़ा नक्सली हमला है, जिसमें भारी संख्या में पुलिस बल के जवानों की मृत्यु हुई है। इससे पहले वर्ष 2007 में नक्सलियों ने बीजापुर जिले के रानीबोदली पुलिस पोस्ट पर हमला कर 55 सुरक्षाकर्मियों जवानों को मौत के घाट उतार दिया था तथा वर्ष 2005 में दंतेवाड़ा जिले के एर्राबोर क्षेत्र में नक्सली हमले में पुलिस के 30 जवान शहीद हो गए थे। वहीं पिछले साल जुलाई महीने में नक्सलियों ने पुलिस दल पर जबरदस्त हमला कर दिया था, जिसमें दल का नेतृत्व कर रहे राजनांदगाँव जिले के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

राज्य में अभी नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान जारी है तथा भारी संख्या में पुलिस बल राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। (भाषा)

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