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संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन-मायावती

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लखनऊ , शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011 (21:22 IST)
उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन आज राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के शोरगुल की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे विपक्षी पार्टियों खासकर सपा द्वारा संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन करार दिया।

मायावती ने कहा कि नेता सदन और मुख्यमंत्री होने के नाते हम विपक्षी दलों के आचरण की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सपा सदस्यों द्वारा कुंडा से निर्दलीय बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को रिहा करने की माँग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस व्यक्ति के बारे में सपा विधायक सदन में आंदोलन कर रहे हैं। उसका पिछला आपराधिक इतिहास है और यह किसी से छिपा नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सपा गुंडों तथा माफियाओं की पार्टी है और वर्ष 2007 में राज्य विधानसभा चुनाव में जनता ने सपा को इसीलिए सत्ता से बाहर कर दिया था। वर्ष 2012 के चुनावों में सपा समेत सभी विपक्षी दलों को प्रदेश की जनता एक बार फिर करारा जवाब देगी।

बलात्कारी सरकार बर्खास्त करो के विपक्ष के नारों का जवाब देते हुए मायावती ने कहा कि सरकारी आँकड़े इस बात के गवाह हैं कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तरप्रदेश में महिलाओं पर अन्याय और अत्याचार की कम घटनाएँ हुई हैं।

उन्होंने सपा शासन की याद दिलाते हुए कहा कि इलाहाबाद के करेली में एक मदरसे की लड़कियों के साथ हुआ र्दुव्‍यवहार सपा के कार्यकाल में महिलाओं पर हुए अत्याचार का उदाहरण है।

अभिभाषण झूठ का पुलिंदा : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शिवपाल यादव ने राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन आज दोनों सदनों की समवेत बैठक में प्रस्तुत राज्यपाल बीएल जोशी के अभिभाषण को ‘झूठ का पुलिंदा’ करार देते हुए कहा कि राज्यपाल को सरकार के लेखे-जोखे को अभिभाषण के तौर पर नहीं पढ़ना चाहिए था। (भाषा)

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