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सर्पदंश की दवा का प्रयोग अंतिम चरण में

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बीकानेर (वार्ता) , सोमवार, 15 दिसंबर 2008 (19:05 IST)
राजस्थान में बीकानेर के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के संयुक्त प्रयास से सर्पदंश की दवा प्रयोग के अंतिम चरण में है और अब तक के अनुसंधान में इसके उत्साहजनक परिणाम आए हैं।

राष्ट्रीय ऊष्ट्र अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक और मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के चिकित्सक पिछले डेढ़ वर्ष से सर्पदंश की दवा का ऊटों पर परीक्षण कर रहे हैं। संस्थान के सूत्रों के अनुसार अप्रैल-मई तक 'एन्टी स्नेक वीनस' तैयार हो जाएगा।

इस परीक्षण के तहत ऊँटो पर एक निश्चित मात्रा में साँप का जहर इन्जेक्ट किया गया। जहर के प्रतिरोध के लिए ऊँट के शरीर में जो एन्टीबॉडी सक्रिय हुए उनको एकत्रित किया गया और उसका प्रयोग सर्पदंश से पीड़‍ित जानवरो पर किया गया।

वैज्ञानिकों ने सर्पदंश की जो दवा तैयार की है, वह बांडी नामक सर्प से पीड़‍ितों के लिए भी उपयोगी रहेगी। सर्पदंश की दवा के विभिन्न परीक्षणों और उनके परिणामों का विश्लेषण किया जा रहा है।

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