Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिमाचल चुनाव : भाजपा को रास आया आम आदम‍ी

हमें फॉलो करें हिमाचल चुनाव : भाजपा को रास आया आम आदम‍ी
कसूमपती , बुधवार, 31 अक्टूबर 2012 (14:42 IST)
हिमाचल प्रदेश में राज परिवारों के सदस्य लोगों के बीच अब भी खासा प्रभाव रखते हैं और कांग्रेस चुनावी मौसम में इसे तुरुप के पत्ते के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उसने भाजपा से सत्ता छीनने की कोशिश के तहत राजवंश के कई सदस्यों को चुनाव मैदान में उतारा है।

वहीं, भगवा ब्रिगेड ने चार नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के इस कार्ड के खिलाफ ‘आम आदमी’ का पत्ता चला है।

मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके सांसद बेटे अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में शीर्ष भाजपा नेताओं ने चुनावी जंग को राजा बनाम आम आदमी की लड़ाई करार दिया है।

इन्हें रैलियों में कांग्रेस की यह कहकर आलोचना करते हुए देखा जा सकता है कि वह जीत के लिए लगातार राज परिवार के लोगों पर निर्भर है।

अनुराग ठाकुर समूचे हिमाचल प्रदेश में अपनी जनसभाओं में यह कहते नजर आते हैं कि प्रेम कुमार धूमल जहां किसान की संतान हैं, वहीं कांग्रेस को चुनाव जीतने के लिए वीरभद्र सिंह जैसे राजाओं की आवश्यकता है।

वह प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख और पूर्व की रामपुर बुशहर रियासत के राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले वीरभद्र पर सीधा हमला कर रहे हैं, जो शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से ईश्वर सिंह रोहल को मैदान में उतारा है।

चुनाव से पहले राज परिवार के लोग हालांकि, मत हासिल करने के लिए अपने आलीशान महलों से दूर सड़कों पर घूम रहे हैं, लेकिन भाजपा मतदाताओं को कांग्रेस की सामंती चाल बताकर इसके खिलाफ आगाह कर रही है।

वीरभद्र सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने के वाई एस परमार के रिकॉर्ड को तोड़ इतिहास रचने की उम्मीद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के रूप में परमार का कार्यकाल वीरभद्र से एक साल ज्यादा रहा है।

शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में वीरभद्र के सामने हालांकि, राज परिवार से ताल्लुक रखने वाला कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है, लेकिन शिमला जिले के कसूमपती क्षेत्र में राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले आमने सामने हैं। यहां कांग्रेस ने कोटी रियासत के पूर्व के राजा अनिरुद्ध सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने कियोंथल राजघराने की पूर्व की रानी ज्योति सेन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़ी हैं।

कसूमपती की लड़ाई दो परिवारों और उन स्थानीय लोगों के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है जो क्रमश: राजपरिवार के इन लोगों के प्रति वफादारी रखते हैं।

रोचक तथ्य यह है कि यहां कांग्रेस को चुनौती दे रहीं ज्योति सेन, वीरभद्र की पत्नी प्रतिभा सिंह की रिश्तेदार हैं। प्रतिभा खुद कसूमपती से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया। उनकी जगह कांग्रेस का टिकट युवा अनिरुद्ध सिंह को चला गया, जो वर्तमान में शिमला जिला परिषद के अध्यक्ष हैं।

ज्योति सेन भी कसूमपती से कांग्रेस का टिकट मांग रही थीं। वह कियोंथल के पूर्व शासक हितेंद्र सेन की बहू हैं। प्रतिभा ने कहा कि कांग्रेस के पक्ष में चुनाव मैदान से हटने के लिए ज्योति को मनाने के मेरे सभी प्रयास विफल हो गए हैं।

दूसरी तरफ, कुल्लू राजपरिवार के वंशज महेश्वर सिंह कुल्लू विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके भाजपा प्रतिद्वंद्वी के रूप में अनुसचित जाति से ताल्लुक रखने वाले आम आदमी राम सिंह हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi