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बैसिलिका ऑफ बॉम जीसस

गोवा का प्रसिद्ध चर्च

हमें फॉलो करें बैसिलिका ऑफ बॉम जीसस
धर्मयात्रा की इस कड़ी में हम आपके लेकर चलते हैं गोवा के प्रसिद्ध चर्च बैसिलिका ऑफ बॉम जीसस। गोवा की राजधानी पणजी से 10 किलोमीटर दूर ओल्ड गोवा में स्थित यह चर्च विश्वभर में संत फ्रांसिस जेवियर की समाधि और उनके पवित्र पार्थिव शरीर के अवशेषों की उपस्थिति के कारण प्रसिद्ध है।

फोटो गैलरी देखने के लिए क्लिक करें-

‘बॉम जीसस’ का अर्थ होता है ‘नेक या बालक येसु’। इस चर्च का निर्माण सन् 1594 में शुरू हुआ और 1605 में इसका अभिषेक हुआ था। यह अब एक प्राचीन विश्व धरोहर है। चर्च का अग्रभाग तीन मंजिला है। यहाँ दोनों पाश्वों में छोटे द्वार सहित एक मुख्‍य प्रवेश द्वार है। ऊपरी अग्रभाग में ग्रीक भाषा में येसु मसीह के पवित्र नाम के प्रथम तीन अक्षर का प्रतीक ‘IHS’ अंकित है।

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चर्च के अंदर प्रवेश करते ही दाईं ओर संत एंथनी की वेदी है और बाईं ओर संत फ्रांसिस जेवियर की लकड़ी की मूर्ति है। मुख्य वेदी के पार्श्व में ‘आवर लेडी ऑफ होप’ तथा संत माइकल की वेदियाँ हैं। मुख्य वेदी में सबसे नीचे बालक येसु की मूर्ति, उसके ऊपर संत इग्नेशियस लयोला की लगभग तीन मीटर की ऊँची मूर्ति है। इसके ऊपर एक गोलाकार फलक है जिस पर ‘IHS’ अंकित है। इस गोलाकार फलक के ऊपर त्रियेक ईश्वर- पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा चित्रित है।

मुख्य वेदी की दीवारों पर उकरी गईं आकृतियों पर सोने की परत चढ़ाई गई है। मुख्य वेदी के बाईं ओर के चैपल में पवित्र परमप्रसाद है और दाईं ओर के चैपल में संत फ्रांसिस जेवियर के पवित्र पार्थिव शरीर के अवशेष को एक चाँदी के बक्से में रखा गया है। इस चैपल के भीतर के कक्ष में संत जेवियर के संपूर्ण जीवन के दृश्य पेंटिंग्स में चित्रित हैं।

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2 दिसंबर 1552 को एक समुद्री यात्रा के दौरान चीन में संत जेवियर की मृत्यु हो गई थी। लेकिन उनकी इच्छानुसार उनके पार्थिव शरीर को सन् 1554 में गोवा लाया गया। उस समय उनका शरीर उतना ही ताजा दिख रहा था जैसा कि जिस समय उनको गाड़ा गया था। हालाँकि उनकी शरीर की चमड़ी सिकुड़ गई है, लेकिन फिर भी आज उनकी मृत्यु के साढ़े चार सौ वर्ष बाद भी उनके शरीर के अवशेष देखे जा सकते हैं।

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हर दस साल में उनके पार्थिव शरीर को जनता के सामने रखा जाता है ताकि वे उनके पवित्र शरीर को स्पर्श कर आशीष पा सकें। हर साल 3 दिसंबर को बॉम जीसस चर्च में संत फ्रांसिस जेवियर का त्योहार मनाया जाता है और भारत से ही नहीं बल्कि विश्व भर से लाखों श्रद्धालु सुबह के मिस्सा में भाग लेने के लिए इस अवसर पर एकत्र होते हैं।-मैरी रोज बाब

कैसे पहुँचे:-
वायु मार्ग:- डैबोलिम हवाई अड्‍डा गोवा का एकमात्र हवाई अड्डा है, जो वास्को डी गामा में स्‍थित है।
रेल मार्ग:- गोवा कोंकण रेलवे के जरिये अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है। मडगाँव और वास्को डी गामा गोवा के दो मुख्य स्टेशन हैं।
सड़क मार्ग:- ओल्ड गोवा पणजी से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पणजी से टैक्सी, ऑटो रिक्शा या फिर बस से आसानी से यहाँ पहुँचा जा सकता है।

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