Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बुरे काम का बुरा नतीजा...

यहूदी संत सिम्शा बुनेन की सीख

हमें फॉलो करें बुरे काम का बुरा नतीजा...
यहूदी संत सिम्शा बुनेन अपने ढंग से लोगों को शिक्षित करने के लिए विख्यात थे। उनके पड़ोस में एक दुराचारी व्यक्ति रहता था। उसे किसी भी अच्छे काम से जैसे विरोध रहता था। उसकी बुरी आदतों को देख संत सिम्शा बुनेन को बड़ा दुख होता।

वह दुराचारी व्यक्ति शतरंज का शौकीन था। जब सिम्शा को उसके शतरंज का शौकीन होने का पता चला तो एक दिन उन्होंने उसे शतरंज खेलने के लिए बुलाया।

webdunia
FILE


खेल के दौरान सिम्शा बुनेन ने जान-बूझकर गलत चाल चली। जब वह व्यक्ति उनके मोहरे मारने लगा, तो माफ कीजिए कहकर वे मोहरे वापस लेने लगे। उस आदमी ने कोई आपत्ति न की और चाल वापस लेने दी।

थोड़ी देर बाद बुनेन ने पुनः गलत चाल चली और माफी मांगते हुए अपनी चाल वापस लेनी चाही लेकिन इस बार वह व्यक्ति नाराज हो गया और बोला, 'मैंने एक बार मोहरा वापस लेने क्या दिया कि आप तो बार-बार चाल वापस लेना चाहते हैं। इस बार मैं चाल वापस नहीं लेने दूंगा।'


तब सिम्शा ने हंसकर उससे कहा, 'भाई, तुम खेल में मेरी दो गलत चालों को नजरअंदाज करने को राजी नहीं हो लेकिन अपनी जिंदगी में गलत चाल चलकर चाहते हो कि खुदा उन्हें हमेशा नजरअंदाज करता रहे लेकिन ध्यान रखो गलत चालों का अंजाम कभी अच्छा नहीं होता, इसलिए यदि हमें दुनिया में रहना है तो बुरे कर्मों का त्याग कर स्वयं को अच्छे कामों में ही लगाना चाहिए।'

शुरू में उस व्यक्ति ने संत की बातों पर तवज्जो नहीं दी लेकिन जब खेल खत्म होने के बाद अपने घर गया तो उसे महसूस हुआ कि संत ठीक कह रहे थे और उसने गलत काम करना छोड़ दिया


हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi