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...तो तेजड़ियों के हाथों में होगा बाजार

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-कमल शर्मा
'भारतीय शेयर बाजार को चमत्‍कार की जरूरत'... पिछले सप्‍ताह हमने शेयर बाजार के लिए यही कहा था और वास्‍तव में यही हुआ कि बुधवार से शुक्रवार यानी 13 से 15 फरवरी के बीच बीएसई सेंसेक्‍स 1500 अंक से ज्‍यादा उछला। हालाँकि अभी भी शेयर बाजार मंदड़ियों की पकड़ से छूटा नहीं है। बीएसई सेंसेक्‍स सोमवार 18 फरवरी से शुरू हो रहे सप्‍ताह में 19000 अंक को पार कर बंद होता है तो यह फिर से तेजड़ियों के हाथ में चला जाएगा।

बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स इस सप्‍ताह हालाँकि 18930 से 17523 और निफ्टी 5540 से 5123 अंक के बीच घूमते रहने की संभावना अधिक है। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीते सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 18142 की ऊँचाई को छुआ, जो 17580 के स्‍तर से ऊपर है और अब नए स्‍तर जो देखने लायक होंगे वे 18274 से 18968 होंगे। सेंसेक्‍स के पुल बैक लेवल 18274, 18834 और 19395 अंक दिख रहे हैं। सेंसेक्‍स के लिए लोअर टॉप 18895 है।

सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक ब्रेकआउट होकर 19 हजार अंक से ऊपर बंद होता है तो यह मंदड़ियों की पकड़ से बाहर हो जाएगा। साप्‍ताहिक बंद शुक्रवार को 19 हजार से ऊपर होना चाहिए। बेहतर सेफ स्‍तर 19400 अंक से ऊपर बंद होना होगा। ऐसा होने पर न केवल सेंसेक्‍स की परीक्षा 21206 अंक पर होगी, बल्कि यह अपने पिछले उच्‍च स्‍तर को पार कर सकता है।

अमेरिका आर्थिक मंदी को रोकने के लिए अनेक कदम उठा रहा है, लेकिन अभी तक सफलता के कोई संकेत नहीं दिख रहे। ब्‍याज दरों में तेजी से कटौती और 150 अरब डॉलर के रिलीप पैकेज को मंजूरी दी गई है, लेकिन फेडरल रिजर्व बैंक का मानना है कि मंदी की जोखिम अभी कायम है।

सबप्राइम की वजह से वहाँ बैंकों को अभी भी 120 अरब डॉलर डूबत खाते में डालने पड़ सकते हैं। अमेरिकी मंदी का डर जब तक समाप्‍त नहीं होगा, विदेशी संस्‍थागत निवेशक भारतीय बाजार में भी खुलकर निवेश नहीं कर पाएँगे। हालाँकि वे यह मानते हैं कि एशिया में भारत और चीन उन्‍हें बेहतर रिटर्न देने वाले बाजार हैं।

इस बीच, फेडरल रिजर्व के अध्‍यक्ष बेन बर्नानके ने संकेत दिए हैं कि अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था में मंदी से निपटने के लिए भविष्‍य में ब्‍याज दरों में और कटौती की जा सकती है। बैंक की अगली बैठक 18 मार्च को होगी, जिसमें आधा फीसदी ब्‍याज दर कम करने की घोषणा की जा सकती है। फेडरल रिजर्व सितंबर के मध्‍य के बाद से ब्‍याज दरों में 2.25 फीसदी की कमी कर चुका है और इस समय वहाँ तीन फीसदी ब्‍याज दर रह गई है। दूसरी ओर, बैंक ऑफ जापान ने अपनी ब्‍याज दर 0.5 फीसदी को बनाए रखा है।

प्राइमरी बाजार के निवेशकों के लिए बीते सप्‍ताह के पहले दिन ने उनकी उम्‍मीदों पर पानी फेर दिया। यह पानी फिरा रिलायंस पावर के आईपीओ की लिस्टिंग में। छोटे निवेशकों को रिलायंस पावर के शेयर 430 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से मिले थे, जिस पर लोगों की गणना थी कि हर आईपीओ अपने इश्‍यू प्राइस से डबल पर खुल रहा है तो वे इसमें भी चंद दिनों में डबल पैसा बना लेंगे, लेकिन हुआ सब उल्‍टा।

रिलायंस पावर अपने इश्‍यू प्राइस से इस समय काफी नीचे चल रहा है। इस सप्‍ताह एक और बिजली कंपनी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन यानी आरईसी का पब्लिक इश्‍यू आ रहा है। आरईसी सरकारी कंपनी है और 19 फरवरी को खुल रहे इस पब्लिक इश्‍यू में प्राइस बैंड 90 से 105 रुपए प्रति शेयर रखी गई है। कंपनी का इरादा 1405 से 1639 करोड़ रुपए जुटाने का है।

इस सप्‍ताह क्रिसिल, गुजरात गैस, वोकहार्ट, क्‍लेरियंट, एबीबी, कैस्‍ट्रॉल, लेनेक्‍स एबीएस के नतीजों पर नजर रहेगी। शेयर बाजार में फ्रंटरनर की भूमिका एलएंडटी और एचडीएफसी बैंक रहेंगे। इसके अलावा एसकेएफ इंडिया, भारती शिपयार्ड, सिटी यूनियन बैंक, आईवीआरसीएल इन्फ्रास्‍ट्रक्‍चर्स, बीजीआर एनर्जी सिस्‍टम, जैन इरिगेशन, तमिलनाडु न्‍यूज प्रिंट, उषा मार्टिन, ग्रेफाइट इंडिया, एजिस लॉजिस्टिक्‍स, ब्‍लूस्‍टार और प्राज इंडस्‍ट्रीज के शेयरों पर निवेशक ध्‍यान दे सकते हैं।

•य‍ह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

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