Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बाजार को आखिरी धक्‍का मारने की तैयारी!

हमें फॉलो करें बाजार को आखिरी धक्‍का मारने की तैयारी!
-कमल शर्मा
मंदी में डूबे शेयर बाजार को क्‍या अब आखिरी धक्‍का मारने की तैयारी हो रही है। आम निवेशक के विचारों को आगे रखें तो शेयर बाजार में मंदी का अंत नहीं है और उन्‍हें ऐसा लगता है सब कुछ जीरो हो जाएगा, लेकिन ऐसा है नहीं। आम निवेशक की मनोस्थिति में उसे जीरो के अलावा कुछ नहीं दिख रहा जबकि अँधेरे के बाद उजाला और उजाले के बाद अँधियारा प्रकृति का नियम है।

शेयर बाजार में यह कोई पहली बार मंदी नहीं आई है। ऐसा कई बार हुआ है, लेकिन अब तक निचले और आकर्षक स्‍तर पर लेवाली कर फिर लौटी तेजी में मुनाफा कमाने वाले इस बार की मंदी में गच्‍चा खा गए हैं। हर घटे स्‍तर को निचला स्‍तर मानकर शेयर खरीदने वालों ने पैसा कमाया ही नहीं, बल्कि गँवाया ही है।

  वेबदुनिया नवंबर से जनवरी 2009 अपनी इस रिपोर्ट मे बार-बार कह रही थी कि यह समय मुनाफा वसूली का है। मुनाफावसूली करते रहना ज्‍यादा बुद्धिमानी का खेल होगा      
शेयर बाजार की तलहटी का पता न लगते देख अब ऐसे निवेशकों ने खरीद रोक दी है। मंदड़ियों ने पूरे देश को ही नहीं बल्कि सारी दुनिया को मंदी में उतार दिया है। बस बेचो..बस बेचो...यही एक शब्‍द सब जगह गूँज रहा है। लेकिन हर बार ऐसा हुआ है कि पूरी तरह मंदी या तेजी में डुबो देने के बाद खिलाड़ी खेल बदलते हैं।

यदि आपको याद हो तो दिसंबर 2008 में हर कोई मानकर चल रहा था कि रिलायंस पॉवर का आईपीओ लिस्‍टेड होते समय सेंसेक्‍स को 27, 30 और 35 हजार पहुँचने से कोई रोक नहीं सकता। उस समय जिसने भी गिरावट की बात की या मुनाफावसूली की, उस पर हर कोई हँसता था। वेबदुनिया नवंबर से जनवरी 2009 की अपनी इस रिपोर्ट मे बार-बार कह रही थी कि यह समय मुनाफावसूली का है। मुनाफावसूली करते रहना ज्‍यादा बुद्धिमानी का खेल होगा। पेड़ चाहे कितना लंबा हो जाए, वह आसमान को छू नहीं सकता, लेकिन अधिकतर निवेशकों ने इसे नजरअंदाज कर दिया और घाटे में उतर गए।

मंदी में आकंठ डूबे शेयर बाजार में धीरे-धीरे खेल पलटने की तैयारी चल रही है। सेंसेक्‍स की तलहटी 6994 की दिख रही है और यदि यहाँ कोई छोटी दुर्घटना होती है तो यह 6700 अंक तक जा सकती है, लेकिन यहाँ से शेयर बाजार की स्थिति पलटती हुई दिख रही है। हालाँकि एक बात साफ कर लें कि अब जो तेजी होगी वह रॉकेट की गति से नहीं आएगी। यदि निवेशक यह मान रहे हों कि बाजार अपनी इस तलहटी से सीधे 15 या 21 हजार अंक पहुँच जाएगा, वे इस भ्रम में न रहें। बाजार के बढ़ने पर बीच-बीच में बिकवाली दबाव साफतौर पर दिखेगा। सेंसेक्‍स को अपनी पिछली ऊँचाई तक पहुँचाने में काफी समय लग सकता है।

शेयर बाजार के महाखिलाड़ी अब आम चुनाव के इस माहौल में अनेक झूठ और सच के सहारे निवेशकों से उम्‍दा कंपनियों के शेयर पूरी तरह निकलवाने का प्रयास करेंगे, ताकि बेहद सस्‍ते में ये शेयर खरीदकर वे अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बना सकें। आम निवेशक अब दिल से नहीं दिमाग से काम लें और अच्‍छी कंपनियों के शेयर न बेचें।

याद रखें इस बाजार में हर बार मंदी के बाद तेजी लौटी है। खुद निवेशक भी होमवर्क करें और पढ़ने के साथ सारी घटनाओं पर नजर रखें एवं उनके अर्थ सही दिशा में निकालने की कोशिश करें। कहावत है कि स्‍वर्ग जाना हो तो खुद को ही मरना पड़ता है। अमेरिका और यूरोप में मंदी के बीच भारत में औद्योगिक फंड, एफआईआई, लोकल फंड और बड़े खिलाड़ी शेयर बाजार को ढीला रखने का प्रयास करेंगे, लेकिन चतुर निवेशक अपने पोर्टफोलियो में उन बेहतरीन शेयरों को शामिल कर सकते हैं जो मंदी के इस आखिरी धक्‍के में तलहटी पर होंगे।

9 मार्च से शुरू हो रहा नया सप्‍ताह शेयर बाजार के लिए छोटा सप्‍ताह है, क्‍योंकि शेयर बाजार में 10 और 11 मार्च को अवकाश रहेगा। नए सप्‍ताह में केवल तीन दिन ही कारोबार होगा। नौ मार्च से शुरू हो रहे सप्‍ताह में बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्‍स 8585 से 7979 के बीच घूमता रहेगा, जबकि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 2727 से 2424 के बीच कारोबार करेगा।

शेयर बाजार के लिए मार्च महीना अच्‍छा नहीं रहा है। पिछले 16 साल में से 12 साल मार्च महीने ने नकारात्‍मक रिटर्न दिया है। केवल चार साल ही मार्च महीने ने सकारात्‍मक रिटर्न दिया है। पिछले वर्षों में मार्च महीने में औसतन 3.5 फीसदी नकारात्‍मक रिटर्न मिला है। आने वाले दिनों में बाजार की नजर कॉरपोरेट टैक्‍स की जमा होने वाली राशि पर रहेगी। यदि इस टैक्‍स में कोई असामान्‍य कमी देखने को मिली तो शेयर बाजार का बंटाढार हो सकता है।

सूरत कमर्शियल कॉरपोरेशन के इक्विटी विश्‍लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि अगले सप्‍ताह के लिए बैलेंस पाइंट 8378 के मुकाबले पिछला बंद स्‍तर 8325 के कम होने की वजह से नरमी का रुख दिखाता है। बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्‍य रहेगा।

नई मंदी 8209 के नीचे, स्‍टॉप लॉस 8314 का रखें या 8443 से 8547 के बीच स्‍टॉप लॉस 8584 का रखें। 8200 का स्‍तर टूटने पर 7972 से 7811 तक गिरने की संभावना है। यदि 7800 के नीचे सेंसेक्‍स आता है तो मंदी में रहेगा अन्‍यथा बढ़कर 8200 से 8395 आने के आसार हैं। 7800 के नीचे सेंसेक्‍स के रहने पर यह 7662 से 7558 तक आ सकता है। तेजी का कारोबार 8550 के ऊपर करें और स्‍टॉप लॉस 8443 का रखें। तेजी के दौरान सेंसेक्‍स बढ़कर 8820 जाने के आसार, लेकिन इसकी संभावना बेहद कम है।

अच्छे शेयर न बेचें...
  शेयर बाजार के महाखिलाड़ी अब आम चुनाव के इस माहौल में अनेक झूठ और सच के सहारे निवेशकों से उम्‍दा कंपनियों के शेयर पूरी तरह निकलवाने का प्रयास करेंगे...      
तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि शेयर बाजार में अब अक्‍टूबर 2008 के निचले स्‍तर की परीक्षा होगी। हालाँकि पिछले सप्‍ताह पुलबैक की बात थी जो नहीं हो सका। नए सप्‍ताह में सेंसेक्‍स के लिए रेसिस्टेंस स्‍तर 8378-8710-8762 होंगे। साप्‍ताहिक सपोर्ट 7994-7696 और 7278 होंगे। सेंसेक्‍स बढ़कर 8535 के ऊपर बंद होता है तो इसकी तलहटी 8047 तय है और यहाँ से पुलबैक देखने को मिलेगा। इस पुलबैक के तहत सेंसेक्‍स 9725 तक पहुँच सकता है, लेकिन यदि सेंसेक्‍स 8047 से तत्‍काल गिरता है तो इसके कम से कम 7697 तक जाने की संभावना है।

इस सप्‍ताह निवेशक पेट्रोनेट एलएनजी, गुजरात स्‍टेट पेट्रो, भारती एयरटेल, श्रेई इन्फ्रा, पुंज लायड, मीक इलेक्ट्रॉनिक्‍स, एस्‍सार शिपिंग, सुजलॉन एनर्जी और जी न्‍यूज पर ध्‍यान दे सकते हैं।
*यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi