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तेजी के बाद शेयर बाजार में गिरावट

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मुंबई (वार्ता) , रविवार, 8 फ़रवरी 2009 (14:59 IST)
वैश्विक मंदी के और गहराने की आशंकाओं तथा विदेशी संस्थानों की सटोरिया बिकवाली के दबाव में छह फरवरी को समाप्त सप्ताह में शेयर बाजारों में गिरावट का ुख रहा। सेंसेक्स 123.38 अंक गिरकर 9300.86 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 31.70 अंक गिरकर 2843.10 पर बंद हुआ।

अमेर‍िकी अर्थव्यवस्था में जल्द कोई सुधार की उम्मीद नहीं दिखाई देने तथा विदेशी संस्थागतों की ओर से बिकवाली का दबाव जारी रहने के कारण बाजार में आलोच्य सप्ताह के पहले की तेजी के बाद गिरावट आई।

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले समय में बाजार में उठापटक की संभावना है। एक ओर वैश्विक मंदी के फिलहासुधरने के आसार नहीं हैं तो दूसरी ओर सरकार द्वारा आगामी अंतरिम बजट में कर ढाँचे में कुछ फेरबदल की घोषणा का असर शेयर बाजार पर साफ दिखाई पड़ेगा।

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने दिसंबर 2008 में बाजार में 1319.10 करोड़ रुपए झोंके जाने के बाद से बिकवाली का रुख अपनाया, जिसके कारण इस वर्ष 05 फरवरी तक बाजार से 4.396.70 करोड़ रुपए की निकासी हो गई।

इस सप्ताह बीएसई का मिडकैप सूचकांक 58.67 अंक फिसलकर 2882.80 अंक पर बंद हुआ, जबकि बीएसई का स्माल कैप इंडेक्स 59.81 अंक लुढ़ककर 3279.24 अंक पर बंद हुआ।

30 जनवरी को समाप्त सप्ताह में बरकरार रही तेजी के बाद शेयर बाजारों में इस सप्ताह कारोबारी सत्र की शुरुआत ही धीमी हुई और बिकवाली के दबाव में सत्र के आखिरी तीन दिन उथल-पुथल भरे रहे।

बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की गैस बिक्री पर लगाई गई रोक हटाने के साथ ही कंपनी का शेयर 1.38 प्रतिशत की छलाँग लगाकर 1343.50 पर पहुँच गया।

धातु के शेयरों में भी बढ़त रही और इनमें नवंबर 2008 में 38.8 की रिकॉर्ड गिरावट के बाद कुछ सुधार देखा गया। यात्री कार वर्ग की अग्रणी मारुति सुजुकी का शेयर अच्छे परिणामों के कारण 1.46 प्रतिशत बढ़कर 579.35 रुपए पहुँच गया।

बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी और रियलिटी क्षेत्र तथा कुछ बड़ी ऑटो कंपनियों के शेयरों में गिरावट का रुख रहा।

आर्थिक मंदी के दौर में ग्राहकों द्वारा कर्ज नहीं चुकाए जाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच बैंकिंग क्षेत्र के शेयर मंदी में रहे। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 2.3 फीसदी की गिरावट के साथ 406.95 रुपए पर बंद हुआ।

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का शेयर भी 2.9 प्रतिशत लुढ़ककर 1118.35 रुपए रह गया।

देश में व्यावसायिक वाहनों की अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स की बिक्री में गिरावट का असर इसके शेयरों पर पड़ा और यह 8 फीसदी की गिरावट के साथ 137.60 रुपए रह गया।

रियलिटी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी डीएलएफ के शेयरों में रिकॉर्ड गिरावट आई और यह घटकर 123.15 रुपए पर पहुँच गया। वैश्विक मंदी का असर रियलिटी क्षेत्र पर कुछ ज्यादा पड़ा है।

सत्यम घोटाले और इसके बाद से बाजार नियामक सेबी द्वारा नियमों में सख्ती करने तथा सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों की शीर्ष संस्था नास्काम द्वारा चालू वित्तवर्ष के लिए आईटी सेवा निर्यात के लक्ष्य में कटौती की वजह से बीएसई सूचकांक में आईटी के शेयरों में 32.35 फीसदी की गिरावट आई।

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