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आईपीएल की तर्ज पर शुरू होगा आईबीएल

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पुणे , सोमवार, 7 दिसंबर 2009 (18:13 IST)
भारतीय बास्केटबॉल महासंघ अगले साल इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर इंडियन बास्केटबॉल लीग (आईबीएल) शुरू करने जा रहा है और इसके लिए उसने आधी से अधिक तैयारियाँ पूरी कर ली है।

बीएफआई महासचिव हरीश शर्मा ने बताया कि महासंघ ने न सिर्फ पेशेवर लीग शुरू करने के लिए खाका तैयार कर लिया है, बल्कि वह अगले साल से कॉलेज और स्कूल लीग शुरू करने की भी योजना बना रहा है।

शर्मा ने लिए इंटरव्यू में कहा कि लीग शुरू करने के लिए प्रायोजक जरूरी हैं। अभी हमारी कई प्रायोजकों से बात चल रही है और वे इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले साल तक हमारी पेशेवर लीग शुरू हो जाएगी। इसके अलावा हम कालेज और स्कूल लीग भी शुरू कर रहे हैं।

महासंघ ने पेशेवर लीग के लिए सारी योजनाएँ और खाका तैयार कर लिया है लेकिन अभी यह तय नहीं किया गया है कि यह लीग आईपीएल की तरह फ्रेंचाइजी पर आधारित होगी या शहरों के बीच इसे आयोजित किया जाएगा।

शर्मा ने कहा कि हमने फ्रेंचाइजी और शहर पर आधारित दोनों मॉडल तैयार कर लिए हैं। इनमें से किसे चुना जाएगा, यह प्रायोजकों से बात करने के बाद ही तय होगा। फिलहाल हम अधिक से अधिक प्रायोजक जुटाने पर ध्यान दे रहे हैं।

इस बीच फीबा एशिया ने बीएफआई के ऐसे प्रयास की सराहना करते हुए अपनी ओर से हरसंभव मदद का वादा किया है।

फीबा एशिया के अध्यक्ष शेख सैयद बिन अली अल थानी ने कहा कि भारत में बास्केटबॉल के लिए अपार संभावनाएँ हैं लेकिन पहले बीएफआई को कदम उठाना होगा। फीबा एशिया उसकी मदद के लिए हमेशा तैयार है। यदि बीएफआई इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास करता है तो यह काफी लोकप्रिय हो सकता है।

शर्मा ने स्वीकार किया कि बास्केटबॉल में क्रिकेट के बाद भारत का दूसरे नंबर का खेल बनने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि यदि हमारे खिलाड़ियों को भी अच्छा पैसा मिलता है तो युवा बास्केटबॉल की ओर आकर्षित होंगे। अभी तो हमारे खिलाड़ी नौकरियों पर ही गुजारा करते हैं।

शर्मा ने हालाँकि स्वीकार किया कि देश में आधारभूत ढाँचे की कमी होने से दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्याप्त आधारभूत ढाँचा नहीं होना सबसे बड़ी समस्या है। महासंघ के पास इतना पैसा नहीं है कि वह हर जगह अच्छे स्टेडियम तैयार कर सके। आशा है कि लीग के बाद सभी चीजों में सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि आउटडोर कोर्ट लगभग हर जगह है लेकिन प्रत्येक शहर में कम से कम एक इंडोर कोर्ट होना जरूरी है। यदि कोर्ट हो तो यह खेल महँगा नहीं है और युवा इसे क्रिकेट की तरह स्वीकार करेंगे।

शर्मा ने यह भी कहा कि अगले साल ग्वांगझू में होने वाले एशियाई खेलों के लिए जल्द ही टीम का चयन करके उसे अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हम 27 दिसंबर से तीन जनवरी के बीच लुधियाना में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के दौरान टीम का चयन करेंगे, जिसे लगभग साल भर तक देश और विदेश में खेलने का मौका देंगे। अभी हमारे खिलाड़ियों को पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने को नहीं मिल रहे हैं लेकिन भारत सरकार पूरा सहयोग कर रही है और मुझे विश्वास है कि चीन, जापान, कोरिया और चीनी ताइपै जैसे एशियाई पावरहाउस के बीच हमारी टीम कड़ी चुनौती पेश करेगी। (भाषा)

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