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पेरिस में जीत का पूरा भरोसा था: फेडरर

हमें फॉलो करें पेरिस में जीत का पूरा भरोसा था: फेडरर
पेरिस (भाषा) , सोमवार, 8 जून 2009 (13:58 IST)
रोजर फेडरर को पूरा विश्वास था कि एक दिन े फ्रेंच ओपन का मिथक तोड़कर 'लाल बजरी' पर परचम लहराने में सफल रहेंगे। हालाँकि कई लोगों ने मान लिया था कि यह टेनिस स्टार करियर ग्रैंड स्लैम पूरा नहीं कर पाएगा।

क्ले कोर्ट विशेषज्ञ राफेल नडाल के हाथों फ्रेंच ओपन फाइनल में लगातार तीन हार तथा विम्बलडन और ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भी इस स्पेनिश खिलाड़ी से पराजय के बाद कहा जाने लगा था कि 27 वर्षीय स्विस स्टार का साम्राज्य पतन की ओर है।

फेडरर भी इससे कुछ हद तक सहमत हैं, लेकिन उन्होंने कभी भरोसा नहीं खोया और आखिर में रविवार को 'लाल बजरी' का बादशाह बनने के साथ करियर ग्रैंड स्लैम पूरा किया तथा पीट सैम्प्रास के 14 ग्रैंड स्लैम खिताब की बराबरी की।

फेडरर ने फाइनल में रोबिन सोडरलिंग पर 6-1, 7-6, 6-4 से जीत के बाद कहा कि लोग मेरे बारे में काफी कुछ कहने लगे थे कि मैंने अपनी पकड़ और लय खो दी है। कुछ हद तक यह सही भी है क्योंकि मैंने नंबर एक रैंकिंग गँवा दी थी।

उन्होंने कहा कि लेकिन मैं कभी शीर्ष दस या शीर्ष 100 से बाहर नहीं हुआ। मैं निरंतर अच्छा खेलता रहा, विशेषकर ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में। मेरा रिकॉर्ड इसका गवाह है।

फेडरर ने कहा कि पिछले साल मेरे साथ कुछ परेशानियाँ जुड़ी थीं। सभी जानते हैं कि वह (पीठ का दर्द) क्या थीं। कभी-कभी लोग आपको चोट से उबरने का समय ही नहीं देते।

उन्होंने कहा कि मैं अपने खेल के स्तर से खुश हूँ। मेरा मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में मैंने बेहतरीन टेनिस खेली। इंडियन वेल्स और मियामी में जब तक मैं मुर्रे और ड्यूकोविच से नहीं भिड़ा तब तक मैंने अच्छा खेल दिखाया था। अचानक ही मेरा खेल कुछ खराब हो गया। मैं नहीं जानता ऐसा क्यों हुआ।

फेडरर ने कहा कि शायद मेरी सर्विस बहुत अच्छी नहीं थी। पीठ दर्द तब भी मुझे परेशान कर रहा था। मैं नहीं जानता था कि इसका क्या कारण था। उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे पेरिस या अन्य किसी भी ग्रैंड स्लैम में जीत का पूरा भरोसा था। यही वजह थी कि मैंने ऑस्ट्रेलियाई ओपन के बाद छह सप्ताह का विश्राम लिया। इससे मैं पीठ दर्द से उबर गया और सब कुछ सही हो गया और मैंने मजबूत वापसी की।

फेडरर अब भी मानते हैं कि उनके लिए खिताब तक पहुँचना आसान नहीं रहा क्योंकि इस बीच उन्होंने टामी हास और जुआन मार्टिन डेल पोर्टो के साथ पाँच-पाँच सेट तथा पाल हेनरी मैथ्यू और जोस अकासो के साथ चार-चार सेट के मुकाबले खेले।

इसके अलावा सोडरलिंग ने चार बार के चैंपियन नडाल को चौथे दौर में बाहर करके उनका काम आसान कर दिया था।

फेडरर ने कहा कि हास और अकासो के खिलाफ मैंने जिस तरह से जीत दर्ज की उससे मुझे लगा कि यह साल मेरे लिए अच्छा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद राफा हार गए। ड्यूकोविच उससे पहले पराजित हो गए थे। इससे बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ा लेकिन इससे मेरी आशाएँ बढ़ गईं, लेकिन ऐसे भी क्षण आए जबकि मैं हार के करीब था। मुझे लगा कि यह अगासी की तरह था जैसा कि वे अपने दिनों में जीत दर्ज किया करते थे।

फेडरर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं भाग्यशाली था लेकिन जब भाग्य साथ हो तो हमें उसका उपयोग करना चाहिए। मैंने रोलाँ गैराँ के लिए कड़ी मेहनत की थी।

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