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फ्रेंच ओपन में नडाल की बादशाहत खत्म

हमें फॉलो करें फ्रेंच ओपन में नडाल की बादशाहत खत्म
पेरिस (भाषा) , सोमवार, 1 जून 2009 (10:56 IST)
राफेल नडाल का फ्रेंच ओपन में पिछले चार साल से चला आ रहा अजेय अभियान रविवार को थम गया।

स्वीडन के एक अनजान से खिलाड़ी रोबिन सोडरलिंग ने पिछले चार बार के चैंपियन नडाल को चौथे दौर के साढे़ तीन घंटे तक चले मैच में 6-2, 6-7, 6-4, 7-6 से हराकर 'लाल बजरी के बादशाह' का रोलाँ गैरों पर 31 मैचों में जीत का अभियान रोकने के साथ ही इस टूर्नामेंट के इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर भी किया।

इसके साथ ही दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी का लगातार पाँचवीं बार फ्रेंच ओपन जीतने का रिकॉर्ड बनाने का सपना भी चकनाचूर हो गया।

नडाल ने 2005 में जब पहली बार रोलाँ गैरों में कदम रखा था तो तब से लेकर उन्हें यहाँ कभी हार का मुँह नहीं देखना पड़ा था। यहाँ तक कि पिछले 31 मैच में उन्होंने केवल सात सेट गँवाए थे, जिनमें से अंतिम सेट उन्होंने 2007 के फाइनल में रोजर फेडरर से गँवाया था, जिन्हें उन्होंने पिछले तीन फाइनल में मात दी थी। लेकिन सोडरलिंग की तेज सर्विस और करारे फोरहैंड के आगे आखिर वे नतमस्तक हो गए।

महिला वर्ग की पिछली चैंपियन अन्ना इवानोविच को भी आज बाहर का रास्ता देखना पड़ा जबकि शीर्ष वरीयता प्राप्त दिनारा साफिना एक और आसान जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में पहुँच गईं। पुरुष वर्ग में तीसरी वरीय एंडी मुर्रे और 12वीं वरीय फर्नांडो गोंजालेज भी अंतिम आठ में पहुँचने में सफल रहे।

सोडरलिंग की जीत इसलिए भी हैरतअंगेज रही क्योंकि नडाल ने उन्हें केवल एक महीने पहले रोम मास्टर्स में 6-1, 6-0 से करारी शिकस्त दी थी।

सोडरलिंग ने बाद में कहा कि यह केवल एक अन्य मैच की तरह था। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूँ, लेकिन उन्हें अच्छा नहीं लग रहा। अब भी क्ले कोर्ट पर उनका कोई जवाब नहीं है। नडाल अब भी क्ले कोर्ट के बादशाह हैं।

इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी सर्विस पर शानदार खेल दिखाया और सटीक फोरहैंड से नडाल को दिन में तारे दिखा दिए। 23वीं वरीय सोडरलिंग पहला सेट केवल 34 मिनट में जीत गए और इस तरह से नडाल का रोलाँ गैरों पर लगातार 32 सेट जीतने का रिकॉर्ड टूट गया।

सोडरलिंग ने अपनी सटीकता से चौथे गेम में नडाल की सर्विस तोड़ी और फिर आठवें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेकर पहले सेट पर अपना कब्जा पक्का किया।

नडाल अपनी सदाबहार लय में नहीं दिख रहे थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने दूसरे सेट में पहली बार सोडरलिंग की सर्विस तोड़कर 2-1 की बढ़त बनाई, लेकिन दसवें गेम में उन्होंने इसे गँवा दिया।

कोर्ट फिलिप चैटरियर में जब सभी दर्शक यह मानकर चल रहे थे कि नडाल लंबे कद के स्वीडिश खिलाड़ी से पार पा लेंगे तब सोडरलिंग ने बैकहैंड वाली से स्कोर 5-5 किया। इसके बावजूद नडाल टाइब्रेकर में 7-2 से जीत दर्ज करने में सफल रहे।

सोडरलिंग ने तीसरे सेट में नडाल की सर्विस तोड़कर 4-3 की बढ़त बनाई और फिर अपनी सर्विस बचाकर इस 5-3 कर दिया। नडाल ने जब फोरहैंड नेट पर मारा तो सोडरलिंग के नाम पर यह सेट भी दर्ज हो गया। नडाल ने चौथे सेट में 2-0 की बढ़त बनाई, लेकिन जल्द ही उनकी सर्विस भी टूट गई तथा एक और टाइब्रेकर में सोडरलिंग ने दूसरे मैच प्वाइंट पर जीत दर्ज की।

नडाल की हार से तीन बार के फाइनलिस्ट फेडरर को फ्रेंच ओपन जीतकर ग्रैंडस्लैम पूरा करने का सुनहरा मौका मिल गया है। शनिवार को नोवाक ड्यूकोविच की हार से भी उनका रास्ता साफ हो गया है, जिनसे उनका सामना सेमीफाइनल में हो सकता था।

उधर महिलाओं के वर्ग में भी पिछली चैंपियन इवानोविच को विक्टोरिया अजारेंका के हाथों 6-2, 6-3 से पराजय झेलनी पड़ी, लेकिन दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी साफिना ने फिर केवल एक गेम गँवाया और आसान जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। रूसी खिलाड़ी ने फ्रांस की अरावेन रेजेई को 6-1, 6-0 से हराया। उन्होंने लगातार 11 गेम जीतकर मैच को पूरी तरह से एकतरफा बना दिया।

साफिना ने बाद में कहा कि यह वास्तव में हैरानी की बात है कि क्वार्टर फाइनल तक की राह में मैंने केवल पाँच गेम गँवाए। यह बुरी बात नहीं है, लेकिन यदि मैं इसे जारी रखती हूँ तो लंबी राह तय कर सकती हूँ।

पुरुषों के वर्ग में ब्रिटिश खिलाड़ी मुर्रे को क्रोएशिया के मारिन सिलिच के खिलाफ पहले दो सेट में जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को तीसरे सेट में ऐसा कोई मौका नहीं दिया और 7-5, 7-6, 6-1 से जीत दर्ज कर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, जहाँ उनका मुकाबला चिली के 12वीं वरीय फर्नांडो गोंजालेज से होगा।

गोंजालेज पुरुष वर्ग से क्वार्टर फाइनल में पहुँचने वाले पहले खिलाड़ी बने। उन्होंने रोमानिया के विक्टर हानेस्कू को सीधे सेटों में 6-2, 6-4, 6-2 से पराजित किया।

महिला वर्ग में बीसवीं वरीयता प्राप्त डोमिनिका चिबुलकोवा भी क्वार्टर फाइनल में पहुँच गई हैं। स्लोवाकिया की इस 20 वर्षीय खिलाड़ी ने गलतियों की भरमार वाले मैच में हंगरी की एग्नेस सजावे को 6-2, 6-4 से हराया। इस मैच में केवल 17 विनर लगे जबकि दोनों खिलाड़ियों ने 66 बार अपनी गलती से अंक गँवाए।

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