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भारत की नजर दूसरे स्थान पर

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नई दिल्ली , शनिवार, 2 अक्टूबर 2010 (22:44 IST)
तमाम बाधाओं को पार करते हुए रविवार से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में मेजबान भारत घरेलू माहौल का फायदा उठाते हुए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके दूसरा स्थान हासिल करने की कोशिश करेगा।

दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स पर कई विवादों का साया रहा था खासतौर पर खेलगाँव को कई देशों के प्रतिनिधियों ने ‘गंदा और रहने योग्य नहीं’ करार दिया, लेकिन अब ‘आल इज वैल’ का माहौल है और ऐसी स्थिति में मेजबान खिलाड़ी घरेलू दर्शकों के सामने पदकों को अंबार लगाने का प्रयास करेंगे।

भारत ने 1951 और 1982 में एशियाई खेलों की शानदार मेजबानी की थी और अब वह कॉमनवेल्थ के रूप में तीसरी बार किसी बहुस्पर्धी खेलों का आयोजन कर रहा है। मेजबान देश के 619 सदस्यीय भारी भरकम दल इन खेलों में भाग लेकर पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल करने का प्रयास करेगा।

भारत की निशानेबाजी, कुश्ती, मुक्केबाजी और भारोत्तोलन में सबसे ज्यादा पदकों की उम्मीद रहेगी। इनसे अलावा टेनिस, तीरंदाजी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्क्वाश, महिला एवं पुरुष हॉकी में भारतीय खिलाड़ियों के कंधों पर पदक दिलाने का दारोमदार होगा।

भारत के दल प्रमुख भुवनेश्वर कालिता कह भी चुके हैं कि मेजबान देश पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल करने का प्रयास करेगा। चार साल पहले मेलबोर्न में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भारत चौथे स्थान पर रहा था और इसमें मेजबान ऑस्ट्रेलिया पहले, इंग्लैंड दूसरे जबकि कनाडा तीसरे स्थान पर रहा था। भारत ने 2006 खेलों में 22 स्वर्ण पदक सहित कुल 49 पदक जीते थे।

वहीं 2002 में मैनचेस्टर में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भारत और कनाडा के बीच तीसरा स्थान हासिल करने की कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई थी और भारत 30 स्वर्ण सहित 69 पदकों के साथ चौथे स्थान पर रहा। भारत ने पिछले दोनों खेल महाकुंभ में सबसे ज्यादा पदक निशानेबाजी में जीते हैं। मेलबोर्न खेलों में भारत ने निशोनबाजी में 16 स्वर्ण सहित 27 पदक अपने नाम किए थे।

निशानेबाजी के कोच सनी थॉमस का कहना है कि निशानेबाजी में भारत की ज्यादा पदक जीतने की बहुत उम्मीद है, लेकिन इससे निशानेबाजों पर दबाव बनता है। इस बार हम 28 पदक जीतने की कोशिश करेंगे। हाल में मास्को में हुई विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर आए फ्रीस्टाइल पहलवान सुशील कुमार यहाँ भी स्वर्ण पदक जीतने के प्रबल दावेदार होंगे।

सुशील के अलावा योगेश्वर दत्त, अनिल कुमार, अनुज कुमार से भी पदक की उम्मीद रहेगी। महिला कुश्ती इन खेलों में पहली बार आयोजित होगी। मुक्केबाजी में विजेंदरसिंह, अखिल कुमार, सुरंजय, जयभगवान पदक के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। (भाषा)

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