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राष्ट्रमंडल खेलों के सुरक्षा प्रमुख का पद खाली

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नई दिल्ली , रविवार, 8 नवंबर 2009 (15:12 IST)
दिल्ली में अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के सुरक्षा प्रमुख का पद केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट (कैट) के बीच कानूनी खींचतान के कारण एक साल से अधिक समय से खाली पड़ा है।

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आरपी शर्मा (कर्नाटक कैडर, 1987 बैच) और अजय चड्ढा (एजीएमयू कैडर, 1977 बैच) को इस पद की दौड़ में माना जा रहा है।

राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजिन समिति ने पिछले साल सर्च समिति की रिपोर्ट के आधार पर शर्मा के नाम की सिफारिश करते हुए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था।

आयोजन समिति और कर्नाटक सरकार की सिफारिश के आधार पर शर्मा ने राष्ट्रमंडल खेलों की सुरक्षा से संबंधित कई बैठकों में हिस्सा भी लिया, जबकि इस दौरान उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव को गृह मंत्रालय से स्वीकृति नहीं मिली थी।

खेल मंत्रालय ने हालाँकि शर्मा के नाम को स्वीकृति नहीं दी। इससे निराश शर्मा ने कैट की बेंगलुरु पीठ में याचिका दायर करते हुए केंद्र को उनके आवेदन पर विचार करने और उनकी प्रतिनियुक्ति के लिए स्वीकृति जारी करने के लिए सरकार को निर्देश जारी करने को कहा।

इस बीच गृह मंत्रालय और खेल मंत्रालय ने चड्ढा के नाम की सिफारिश की जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के सुरक्षा प्रमुख के पद में रुचि दिखाई थी।

इस मामले की सुनवाई करते हुए कैट ने अप्रैल 2009 में गृह मंत्रालय को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सर्कुलर के निर्देशों के मुताबिक काम करने का आदेश देते हुए कहा कि शार्म कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा प्रतिनियुक्ति के लिए उनके नाम पर विचार करने के योग्य हैं। अदालत ने पूरी प्रक्रिया को इस साल 30 मई तक पूरी करने को कहा।

हालांकि शर्मा ने जून में एक बार फिर कैट की शरण लेते हुए कहा कि सरकार ने उसके आदेशों का उल्लंघन किया है जिसके बाद अदालत ने तत्कालीन कैट गृह सचिव मधुकर गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करके अपने समक्ष प्रस्तुत होने को कहा।

इस बीच केंद्र सरकार ने कैट के आदेश के खिलाफ बेंगलूर उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी। केंद्र सरकार ने कहा कि गुप्ता को गलत समन भेजा गया क्योंकि वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिसके बाद अदालत ने कहा कि केवल नौकरी कर रहे अधिकारी को ही तलब किया जा सकता है।

कैट ने इसके बाद 16 अक्तूबर को गृह सचिव जीके पिल्लेई को नोटिस जारी करके उन्हें चार हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है। (भाषा)

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