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सानिया, सोमदेव स्वर्ण से एक कदम दूर

भारत का एक और पदक पक्का

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2010 (19:01 IST)
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भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा और स्टार खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने विपरीत परिस्थितियों में जीत दर्ज करके कॉमनवेल्थ गेम्स की टेनिस प्रतियोगिता के एकल के फाइनल में जगह बनाई।

शीर्ष वरीयता प्राप्त सोमदेव को तीसरी वरीय ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैट एबडेन को 6-3, 6-1 से हराने में अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी लेकिन सानिया ने पहला सेट आसानी से गँवाने और दूसरे सेट में 1-3 से पिछड़ने के बाद वापसी करके ऑस्ट्रेलिया की ही छठी वरीय ओलिंगा रोगोवस्का को एक घंटे 55 मिनट तक चले मैच में 1-6, 6-4, 6-4 से हराया।

सोमदेव को क्वार्टर फाइनल में न्यूजीलैंड के छठी वरीय रूबिन स्टैथम को हराने के लिए थोड़ा संघर्ष करना पड़ा लेकिन आज वह शुरू से ही लय में आ गए। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने शुरू में थोड़ा संघर्ष किया लेकिन आरके खन्ना स्टेडियम में बढ़ती गर्मी के साथ उन्होंने भी जल्द ही हार मान ली।

पहले सेट में सोमदेव ने पहले गेम में ही एबडेन की सर्विस तोड़कर बढ़त बना ली। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने हालाँकि चौथे गेम में ब्रेक प्वाइंट लेकर हिसाब बराबर कर दिया। मैच में यह आखिरी पल था जबकि सोमदेव पर उनका प्रतिद्वंद्वी थोड़ा हावी दिखा क्योंकि भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद पाँचवें और सातवें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेकर यह सेट अपने नाम कर दिया।

सोमदेव ने दूसरे सेट के चौथे और छठे गेम में एबडेन की सर्विस तोड़ी और फिर जब उनके पास दो मैच प्वाइंट थे तब ‘एस’ लगाकर फाइनल में प्रवेश किया जहाँ उनका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के ही ग्रेग जोन्स से होगा। छठी वरीयता प्राप्त जोन्स ने हमवतन पीटर लुजाक को 6-7, 6-4, 6-2 से उलटफेर का शिकार बनाया।

सोमदेव ने मैच के बाद कहा कि आज का दिन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अब देश के लिए एक पदक पक्का हो गया है। मैं इस जीत से बहुत खुश हूँ।

उन्होंने फाइनल के बारे में कहा कि मैं प्रत्येक मैच को एक तरह से लेता हूँ। मैं इससे पहले कभी ग्रेग जोन्स के खिलाफ नहीं खेला लेकिन उसकी सर्विस बहुत अच्छी है।

सानिया जब सेंटर कोर्ट पर उतरी तो दर्शकों की संख्या में काफी इजाफा हो गया लेकिन अपने पिता इमरान मिर्जा और पति शोएब मलिक की उपस्थिति में इस दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी ने पहले सेट में काफी निराश किया।

वह पहले गेम से ही अपनी सर्विस पर जूझती रही और तीसरे गेम में उन्होंने डबल फाल्ट करके अपनी सर्विस गँवा दी। इसके बाद वह आगे भी अपनी सर्विस बचाने में असफल रही और रोगोवस्का ने सातवें गेम में दूसरे सेट प्वाइंट पर केवल 27 मिनट में यह सेट अपने नाम कर दिया।

भारतीय खिलाड़ी के लिए दूसरे सेट की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और उन्होंने चौथे गेम में डबल फाल्ट पर सर्विस गँवा दी। उन्होंने हालाँकि अगले मैच में मैच का पहला ब्रेक प्वाइंट लिया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने नौवें गेम में भी रोगोवस्का की सर्विस तोड़ी और फिर अपनी सर्विस पर मैच बराबरी पर ला दिया।

तीसरे और निर्णायक सेट में सानिया ने पहले गेम में ही ब्रेक प्वाइंट लिया और फिर पाँचवें और सातवें गेम में भी रोगोवस्का की सर्विस तोड़ी। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने आठवें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेकर वापसी की कोशिश की लेकिन दसवें गेम में सानिया के पास जब तीन मैच प्वाइंट थे तब रोगोवस्का का फोरहैंड बाहर चला गया।

सानिया फाइनल में शीर्ष वरीय अनास्तासिया रोडियोनोवा और चौथी वरीय सैली पियर्स के ऑल ऑस्ट्रेलियन सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेगी। (भाषा)

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