सुरनजय ने झटका स्वर्ण पदक
एशियाई मुक्केबाजी में 15 साल का सूखा खत्म
भारत के सुरनजयसिंह ने चीन के झुआई में आयोजित एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शनिवार को लि चाओ को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
सुरनजय ने 51 किग्रा वजनवर्ग में चाओ को नजदीकी मुकाबले में 9-8 से हरा एशियाई चैंपियनशिप में 15 वर्षों से स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने के सूखे को समाप्त किया। गौरतलब है कि इससे पहले राजकुमार सांगवान ने 1994 में तेहरान में आयोजित एशियाई खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था।
सुरनजय ने फाइनल में अपने प्रतिद्वंद्वी चाओ के खिलाफ जबर्दस्त प्रहार किए। उन्होंने अपने पंचों से विपक्षी को धाराशायी कर दिया। भारतीय खिलाड़ी ने मुकाबले की शुरुआत से ही हमलावर रुख अपनाया। हालाँकि पहले राउंड की समाप्ति के समय वे 2-3 से पीछे चल रहे थे।
...लेकिन दूसरे राउंड में सुरनजय ने शानदार वापसी की और चाओ के मुँह के पास ताबड़तोड़ कई पंच जमा बढ़त बना ली और दूसरे राउंड में वे 6-4 से आगे हो गए। तीसरे राउंड में दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ और स्कोर 7-7 का हो गया, लेकिन आखिरकार भारतीय खिलाड़ी अंतिम क्षणों में ताबड़तोड़ हमले बोल विपक्षी को 9-8 से मात देकर भारत को स्वर्णिम तोहफा दिया।
उधर, 48 किग्रा वर्ग में ननाओसिंह को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। ननाओ थाईलैंड के पोंगप्रेयोन कीव से नजदीकी मुकाबले में 8-9 से हार गए। इसके अलावा भारत को 60 किग्रा वर्ग में भी एक और रजत पदक मिला। इस स्पर्धा में जय भगवान तुर्कमेनिस्तान के हुदैबेरदेव सेरडेर से 3-8 से हार गए और इस तरह उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
ओवरऑल टीम चैंपियनशिप में चीन पहले स्थान पर रहा। उजबेकिस्तान को दूसरा और भारत को तीसरा स्थान मिला।