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12 साल बाद मिलेगा नया चैम्पियन

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नई दिल्ली , गुरुवार, 8 जुलाई 2010 (16:56 IST)
फीफा विश्व कप के फाइनल में नीदरलैंड्स और स्पेन की मौजूदगी से फुटबॉल जगत को 12 साल बाद नया विश्व चैम्पियन मिलना तय है।

नीदरलैंड्स ने सेमीफाइनल में उरुग्वे को 3-2 से हराकर 32 बरस बाद फाइनल में प्रवेश किया है और दो बार की उपविजेता टीम इस बार अंतिम बाधा को पार करके चैम्पियन का ताज पहनने को तैयार है।

दूसरी तरफ बार्सिलोना के कप्तान कार्लेस पुयोल के दूसरे हॉफ में किए गए गोल की बदौलत स्पेन ने तीन बार के चैंपियन जर्मनी को 1-0 से मात देकर पहली बार फीफा विश्व कप के फाइनल में जगह बनाकर नया इतिहास रच दिया।

विश्व कप में अब तक शिरकत करने वाले 76 देशों में से केवल सात ही चैम्पियन का तमगा पाने में सफल रहे हैं और इस खेल को पिछली बार नया चैम्पियन 1998 में मिला था जब फ्रांस ने अपनी ही मेजबानी में इतिहास रचते हुए ब्राजील को एकतरफा मैच में 3-0 से हराकर खिताब जीता था।

इसके बाद 2002 में दक्षिण कोरिया और जापान की सह मेजबानी में आयोजित फुटबॉल में महासमर में ब्राजील और जर्मनी की पूर्व चैम्पियन टीमों ने फाइनल का रास्ता तय किया और ब्राजील 2-0 की जीत के साथ रिकॉर्ड पाँचवीं बार चैम्पियन बनने में सफल रहा।

जर्मनी की मेजबानी में 2006 में भी इटली और फ्रांस के रूप में यूरोप के दो पूर्व चैम्पियनों ने फाइनल में जगह बनाई थी और अतिरिक्त समय तक मैच 1-1 से बराबरी पर रहने के बाद इटली ने पेनल्टी शूट आउट में 5-3 की जीत के साथ चौथी बार चैम्पियन का ताज पहना।

इस बार भी दोनों यूरोपीय टीमों ने फाइनल में प्रवेश किया है जिससे यूरोप एक बार फिर दक्षिण अमेरिका सहित अन्य महाद्वीपों पर अपनी श्रेष्ठता साबित कर चुका है।

विश्व कप में अब तक इन्हीं दोनों महाद्वीपों का दबदबा रहा है और दक्षिण अफ्रीका में चल रहे फुटबाल के महासमर से पहले हुए 18 विश्व कप में दोनों महाद्वीप नौ-नौ बार खिताब पर कब्जा जमा चुके हैं।

दक्षिण अमेरिका की ओर से ब्राजील ने पाँच और अर्जेंटीना तथा उरुग्वे ने दो-दो बाद विश्व खिताब पर कब्जा जमाया है जबकि यूरोप से इटली (चार बार), जर्मनी (तीन बार), फ्रांस (एक बार) और इंग्लैंड (एक बार) फुटबॉल के सरताज बनने में सफल रहे। इस तरह से दोनों महाद्वीप अब तक नौ-नौ बार विश्व चैम्पियन बनने में सफल रहे लेकिन हालैंड के हाथों उरुग्वे की हार के साथ यूरोप का इस बार चैम्पियन बनने के साथ 10-9 की बढ़त बनाना तय है।

इससे पहले पिछली बार 1978 में दो ऐसी टीमों ने फाइनल में प्रवेश किया था जो पूर्व चैम्पियन नहीं थी। तब भी हॉलैंड ही फाइनल में पहुँचा था लेकिन अर्जेंटीना उसे 3-1 से हराकर पहली बार चैम्पियन बनने में सफल रहा था।

हॉलैंड की टीम इससे चार साल पहले 1974 में भी फाइनल का सफर तय करने में सफल रही थी लेकिन तब भी उसका चैम्पियन बनने का सपना पूरा नहीं हो सका था जब उसे फाइनल में जर्मनी 2-1 से हराकर अपना दूसरा विश्व कप जीतने में सफल रहा।

हॉलैंड हालाँकि उम्मीद कर रही होगी कि 11 जुलाई को जोहानिसबर्ग के साकर सिटी स्टेडियम में होने वाले फाइनल में वह जीत के साथ तीसरी बारी में भाग्यशाली रहेगा।

दूसरी तरफ यूरोपीय चैम्पियन स्पेन ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई है और दोनों में से किसी भी टीम की जीत पर फुटबॉल जगत को नया विश्व चैंपियन मिलना तय है। (भाषा)

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