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गंगा की धीज : नया धारावाहिक

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सहारा-वन पर 15 नवंबर से नया शो "गंगा की धीज" शुरू हो रहा है। यह एक ऐसी कहानी है जो पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित कालीगंज गाँव की एक अविवाहित युवती के जीवन की अग्निपरीक्षा का बखान करती है।

एक लड़की के जीवन का ऐसा कड़वा सच है जो जमींदार के बनाए कर्मकांडों और सीमाओं में अपने जीवनयापन के लिए बाध्य रहती है। कालीगंज पर जमींदार दादाभाई (कबीर बेदी) की हुकूमत चलती है।

"गंगा की धीज" पाखी (लीना झुमानी) की कहानी है, जो दादा भाई और महामाई (अश्विनी कालसेकर) के बुने जाल में फँसी हुई है। पाखी इस पुरातन अत्याचार और शोषण की परंपरा को बदलकर विजय की नई पताका फहराना चाहती है! लेकिन पाखी का गाँव चारों तरफ से पर्वत और अपार जल से घिरा हुआ है, कोई भी बगैर सूचना के गाँव से बाहर नहीं जा सकता!

परंपरागत कर्मकांड एवं रूढ़ियाँ लड़कियों को उस समय तक गाँव के कठोर सुरक्षा घेरे में जकड़े रखती हैं, जब तक उनका विवाह नहीं हो जाता। वे बिना पर्दे तथा कथित भाइयों के संरक्षण के घर से बाहर नहीं निकल सकतीं।

लड़कियों को आजादी विवाह के बाद ही मिलती है, लेकिन विवाह का रास्ता भी आसान नहीं है। क्योंकि धर्म के नाम पर उनकी पवित्रता की अग्नि परीक्षा ली जाती है। महामाई गाँव की एक प्रतिष्ठित पुजारिन हैं जो इस प्रक्रिया का संचालन करती है। उसके प्रभुत्व और फैसले को सभी लोग स्वीकार करते हैं।

यह ऐसी परंपरा है जिसका पालन करना जरूरी है। कोई भी महामाई के सामने सवाल नहीं कर सकता! ऐसा करने पर उसे गाँव से निष्कासित भी किया जा सकता है। 15 नवंबर से शुरू होने वाला यह शो सोमवार से गुरुवार तक रात 10 बजे प्रसारित किया जाएगा।

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