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हँसी-खेल नहीं है मजाक

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- अनहद

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क्या टीवी पर इतने अश्लील चुटकुले सुनाए जा सकते हैं? इसी सवाल के साथ शुरू हुआ है स्टार प्लस पर नया रियलिटी शो "अरे दीवानो, मुझे पहचानो"। शुरुआती शो में बैडमैन गुलशन ग्रोवर ने टीवी पर सुनाए गए अब तक के अश्लील चुटकुलों में सबसे अश्लीलतम चुटकुला सुनाया, सो भी यह कहकर कि मुझे ये अक्षय कुमार ने सुनाया है, मैं तो बस दोहरा रहा हूँ। आपत्तिजनक बात यह कि इस चुटकुले में उन्होंने मल्लिका शेरावत का भी अपमान किया और विद्या बालन का भी। हालाँकि चुटकुले के अंत में लीपापोती की गई, पर बात जो थी, वह बेहद घटिया थी। जो लोग कहते हैं कि टीवी पर भी सेंसर होना चाहिए तो वे एकदम ठीक कहते हैं। महिलाओं के प्रति असम्मानजनक बातें मजाक नहीं हो सकतीं। सार्वजनिक मजाक तो हरगिज नहीं हो सकता।

बहरहाल अब बात करें इस रियलिटी शो की। तमाम रियलिटी शो की तरह इसमें भी मौलिकता की कमी है। विदेशी चैनलों पर लोगों को उल्लू बनाकर दर्शकों को हँसाया जाता है। इसकी नकल पर सबसे पहला प्रोग्राम बना "एम टीवी बकरा"। फिर स्टार पर गुरुपाल और एक अन्य कलाकार ने इसी तरह का कार्यक्रम "छुपा रुस्तम" पेश किया था। रेडियो पर भी इस तरह का कार्यक्रम आने लगा है। खैर... इस कार्यक्रम में कम और ज्यादा मशहूर लोगों सहित कुल 8 शख्सियत हैं और यह शुक्रवार-शनिवार को रात 10 बजे आएगा। गुलशन ग्रोवर, महेश माँजरेकर, राखी सावंत और दिव्या दत्ता जहाँ बहुत जाने-पहचाने लोग हैं, वहीं मोना सिंह जैसी कम मशहूर कलाकार भी हैं और कुछ तो एकदम ही कम पहचाने हुए लोग हैं।

इन लोगों को भेष बदलकर जाना है और लोगों को उल्लू बनाना है। लोगों ने अगर पहचान लिया तो खेल खत्म, मगर पहले ही एपिसोड में एक सवाल यह पैदा हो गया कि क्या लोगों को उल्लू बनाने की कोई सीमा है? नहीं है तो क्या होना नहीं चाहिए? दिव्या दत्ता ने एक ऐसे उम्रदराज आदमी को उल्लू बनाया, जो शादी का ख्वाहिशमंद था। यह मजाक नहीं क्रूरता है कि किसी के जज्बात से इस तरह खेला जाए। उस आदमी ने क्या-क्या सपने नहीं पाले होंगे? दिव्या दत्ता ने हालाँकि बाद में कहा भी कि जब असलियत मालूम पड़ी तो उस व्यक्ति ने सबसे पहला काम शादी की अँगूठी उतारने का किया। यह किसी के जज्बात से खेलना है मजाक नहीं। विदेशी शो की नकल तो हमने उतार ली, पर हमारे पास उनके जैसी निर्दोषिता और सचाई नहीं है। इस तरह के किसी भी विदेशी शो में किसी के दिल पर ठेस नहीं पहुँचाई जाती, किसी का अपमान नहीं किया जाता। देखना है ये शो किस हद तक जाता है। पूत के पाँव पालने में तो बड़े भद्दे दिख रहे हैं।

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